क्या कांग्रेस के युवा नेता हैं असुरक्षित? पीएम मोदी की चाय पार्टी में उठे सवाल
प्रधानमंत्री मोदी की चाय पार्टी में विपक्ष पर टिप्पणी
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए नेताओं के साथ एक चाय पार्टी में कांग्रेस के युवा नेताओं पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कई प्रतिभाशाली युवा नेता हैं, लेकिन पारिवारिक असुरक्षा के चलते उन्हें खुलकर बोलने का मौका नहीं मिलता। सूत्रों के अनुसार, मोदी ने यह भी बताया कि इसी कारण राहुल गांधी असुरक्षित और चिंतित महसूस करते हैं।
सिर्फ सत्ताधारी गठबंधन की बैठक
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में विपक्ष का कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ। यह बैठक केवल सत्ताधारी गठबंधन के सदस्यों तक सीमित रही। पीएम मोदी ने हाल ही में समाप्त हुए संसद सत्र को सफल बताया, जिसमें कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए।
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक की सराहना
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक की प्रशंसा की, जिसे उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुधार बताया। उनका कहना था कि यह विधेयक सीधे जनता के जीवन को प्रभावित करेगा और इस पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता है। इसके साथ ही, उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे बहस के बजाय केवल व्यवधान उत्पन्न करने में लगे रहते हैं।
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक का उद्देश्य
20 अगस्त 2025 को संसद ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक को पारित किया। यह विधेयक ऑनलाइन मनी गेमिंग कंपनियों, उनके प्रमोटरों और उल्लंघनकर्ताओं के लिए कड़े नियम और दंड का प्रावधान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को नियंत्रित करना और अपराधियों को सख्त सजा देना है।
एआईजीएफ का गृह मंत्री को पत्र
अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (एआईजीएफ) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस विधेयक पर त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया, तो यह गेमिंग उद्योग को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
विपक्ष के हंगामे पर मोदी की आलोचना
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को महत्वपूर्ण विधेयकों पर बहस से दूर रहने और कार्यवाही में बाधा डालने का दोषी ठहराया।
लोकसभा में विपक्ष का हंगामा
लोकसभा में बुधवार को विपक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन विवादास्पद विधेयकों की प्रतियां फाड़ दीं। इन विधेयकों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को गंभीर आरोपों में 30 दिनों के लिए निलंबित करने का प्रावधान था, जिसके कारण सदन में भारी हंगामा मच गया।