क्या ट्रंप भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पछता रहे हैं?
ट्रंप का नया बयान
नई दिल्ली। क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब भारत के प्रति अपनी नीतियों पर विचार कर रहे हैं? हाल ही में उनके एक बयान ने इस पर सवाल उठाए हैं। ट्रंप ने चिंता व्यक्त की है कि भारत और रूस अब चीन के प्रभाव में आ चुके हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा होगा।'
ट्रंप की पूर्व टिप्पणियाँ
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत और रूस के बारे में इस तरह की बातें की हैं। पहले भी उन्होंने कहा था कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था संकट में है और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके बावजूद, उन्होंने भारत और रूस पर अपनी टिप्पणियाँ जारी रखी हैं। ट्रंप ने इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ जोड़ते हुए यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए भारत पर टैरिफ का दबाव बनाने की कोशिश की है, ताकि वह रूस से व्यापार बंद करे।
भारत और रूस के संबंधों में तनाव
हालांकि, ट्रंप का यह हालिया बयान उनके पछतावे की तरह प्रतीत होता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के इस पोस्ट पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और रूस से व्यापार करने पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया। इसके परिणामस्वरूप, भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इस तनाव के जवाब में, भारत ने चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया है। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन का दौरा किया, जहां उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की।
सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप की अपील
ट्रंप की हालिया टिप्पणी से पहले, उनकी सरकार ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि भारत पर टैरिफ लगाना आवश्यक था। ट्रंप ने चार सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की थी, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि विदेशी सामान पर भारी टैरिफ लगाना अवैध है। ट्रंप ने तर्क दिया कि भारत पर लगाए गए टैरिफ रूस और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए टैरिफ लगाया गया, ताकि युद्ध खत्म करने में मदद मिल सके।