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क्या डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी जनरल मुनीर की मुलाकात में होगा कूटनीतिक टकराव?

डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल असीम मुनीर की संभावित मुलाकात पर चर्चा हो रही है। इस दौरान वॉशिंगटन डीसी में प्रदर्शनकारियों ने मुनीर के खिलाफ नारेबाजी की। PTI ने इसे लोकतंत्र की आवाज़ बताया है। क्या यह मुलाकात कूटनीतिक तनाव को बढ़ाएगी? जानें पूरी कहानी में।
 

ट्रंप और मुनीर की संभावित मुलाकात

व्हाइट हाउस के आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ एक निजी लंच पर मिल सकते हैं। यह मुलाकात उस समय हो रही है जब वैश्विक तनाव और घरेलू विवादों के बीच मुनीर की अमेरिका यात्रा पहले से ही आलोचना का विषय बनी हुई है।


वॉशिंगटन डीसी में विरोध प्रदर्शन

मुनीर की यात्रा के दौरान वॉशिंगटन डीसी स्थित फोर सीजन्स होटल के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इनमें से अधिकांश पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) से जुड़े हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में "सामूहिक हत्यारा", "पाकिस्तानियों का कातिल" और "इस्लामाबाद के कातिल" जैसे नारे लिखी तख्तियां उठाई और जोरदार नारेबाज़ी की।


प्रदर्शनकारियों की आवाज़

एक वायरल वीडियो में एक प्रदर्शनकारी चिल्लाते हुए कहता है, "जब बंदूकें बोलती हैं तो लोकतंत्र मर जाता है!" और मुनीर को "तानाशाह" करार देता है। उसने आगे कहा, "तुम अंदर छिपे हो, मैं सार्वजनिक संपत्ति पर हूँ – मेरे पास आज़ादी है!" यह क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई है।


PTI की प्रतिक्रिया

PTI USA ने इस विरोध को "जनता की आवाज़" बताते हुए कहा कि यह प्रदर्शन मुनीर को उनके कथित "लोकतंत्र विरोधी कृत्यों" की याद दिलाने के लिए किया गया। बयान में आरोप लगाया गया कि मुनीर ने इमरान खान को सत्ता से हटाने के बाद पाकिस्तान में नागरिक शासन की आड़ में सैन्य तानाशाही लागू कर दी है। PTI USA के अनुसार, "मुनीर ने लोकतंत्र को कुचला है और सैकड़ों निर्दोष समर्थकों को जेल में डाल दिया है।"


ट्रम्प और मुनीर की मुलाकात का महत्व

हाल ही में मुनीर को पाकिस्तान की संघीय कैबिनेट ने 'फील्ड मार्शल' के पद से नवाज़ा है। वे अयूब खान के बाद यह उपाधि पाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। यह पदोन्नति ऐसे समय में दी गई जब भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव चरम पर है।


कूटनीतिक टकराव की संभावना

दिलचस्प बात यह है कि मुनीर ने हाल ही में एक भाषण में ईरान को समर्थन देने की बात कही, जबकि ट्रंप सोशल मीडिया पर ईरान से "बिना शर्त आत्मसमर्पण" की मांग कर चुके हैं। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अमेरिका के पास "ईरान के ऊपर पूर्ण और समग्र नियंत्रण" है।


क्या होगा इस मुलाकात का परिणाम?

ट्रंप खुलेआम इजरायल का समर्थन कर रहे हैं जबकि मुनीर ईरान के पक्ष में बोल चुके हैं। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच प्रस्तावित लंच को लेकर कूटनीतिक हलकों में खासी उत्सुकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मुलाकात केवल औपचारिक होगी या फिर दोनों नेता तनावपूर्ण मुद्दों पर खुलकर चर्चा करेंगे।