क्या पीएम मोदी अमेरिकी वीज़ा शुल्क वृद्धि पर उठाएंगे सवाल? कांग्रेस ने उठाए गंभीर मुद्दे
कांग्रेस का सवाल: पीएम मोदी का संबोधन क्या होगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से पहले, कांग्रेस ने रविवार को यह सवाल उठाया कि क्या वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीज़ा शुल्क में वृद्धि, भारत पर व्यापार शुल्क और भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के दावों पर चर्चा करेंगे।
जयराम रमेश का बयान
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में नई जीएसटी दरों के बारे में वही बातें दोहराएंगे जो पहले से ज्ञात हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब पीएम राष्ट्र को संबोधित करने की तैयारी कर रहे हैं, तब वाशिंगटन में उनके मित्र ने एक बार फिर उनका मजाक उड़ाया और दावा किया कि उन्होंने अमेरिका के साथ व्यापार बढ़ाकर ऑपरेशन सिंदूर को रोका। रमेश ने बताया कि ट्रंप ने यह दावा न केवल अमेरिका में, बल्कि सऊदी अरब, कतर और ब्रिटेन की यात्राओं में भी किया।
कांग्रेस की चिंताएँ
कांग्रेस ने यह भी पूछा कि क्या पीएम मोदी इन दावों पर चर्चा करेंगे, भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को संबोधित करेंगे, और लाखों एच-1बी वीज़ा धारकों की चिंताओं का समाधान देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पीएम केवल नई जीएसटी दरों को दोहराते हैं, तो यह जनता की हताशा को और बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की है कि मोदी शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे, लेकिन उनके संबोधन के विषय पर कोई संकेत नहीं दिया गया है। यह संबोधन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित नई जीएसटी दरों की कटौती लागू होने से ठीक एक दिन पहले होगा, जिससे कई उत्पादों की कीमतें घटेंगी।
एच-1बी वीज़ा शुल्क में वृद्धि
इससे पहले शुक्रवार को, ट्रंप ने अचानक वार्षिक एच-1बी वीज़ा शुल्क में भारी वृद्धि की घोषणा की, जिससे अफरा-तफरी मच गई। बाद में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि 100,000 डॉलर का नया शुल्क केवल नए आवेदनों पर लागू होगा और मौजूदा वीज़ा धारकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
नोबेल शांति पुरस्कार का दावा
यह कदम भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच आया। अमेरिका ने अगस्त में 25% पारस्परिक शुल्क और रूसी तेल पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाया। इसके अलावा, ट्रंप ने दावा किया कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में उन्होंने मध्यस्थता की और सात युद्धों को रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलने का दावा भी किया।
भारत की स्थिति
हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोई अमेरिकी मध्यस्थता नहीं हुई थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी शिविरों और 13 हवाई और सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई की। पीएम मोदी ने दोहराया कि भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी नहीं करेगा।