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क्या भारतीय रेलवे में हलाल मीट परोसे जाने से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है?

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भारतीय रेलवे में केवल हलाल मीट परोसे जाने की शिकायत पर संज्ञान लिया है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए NHRC ने दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इस नीति से हिंदू, सिख और अनुसूचित जाति के लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। जानें इस मामले में NHRC की कार्रवाई और रेलवे का क्या कहना है।
 

NHRC की कार्रवाई पर रेलवे बोर्ड को नोटिस


नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भारतीय रेलवे में केवल 'हलाल मीट' परोसे जाने की शिकायत पर ध्यान देते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। आयोग ने इस मामले में दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह मामला रेलवे की खानपान नीतियों और धार्मिक भेदभाव के आरोपों के संदर्भ में चर्चा का विषय बना हुआ है।


NHRC की इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि रेलवे में खानपान सेवाओं में भेदभाव की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है। आयोग का कहना है कि सभी समुदायों के यात्रियों के अधिकारों की रक्षा करना भारतीय रेलवे की जिम्मेदारी है।


शिकायत में क्या कहा गया?

शिकायतकर्ता ने NHRC को बताया कि भारतीय रेलवे की खानपान सेवाओं में केवल हलाल तरीके से तैयार किया गया मीट ही परोसा जाता है। इसके कारण हिंदू, सिख और अनुसूचित जाति के लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हलाल मीट परोसे जाने के कारण हिंदू, सिख या अनुसूचित जाति के मीट व्यापारियों को रेलवे में खाद्य आपूर्ति और व्यापार का उचित अवसर नहीं मिल पाता है।


NHRC का आदेश और रेलवे का जवाब

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए NHRC ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। आयोग ने निर्देश दिया है कि रेलवे इस मामले में क्या कार्रवाई कर रहा है, इसकी पूरी जानकारी (ATR) दो सप्ताह के भीतर आयोग को सौंपे।


रेलवे में केवल हलाल मीट परोसे जाने को लेकर समय-समय पर शिकायतें और बहसें उठती रही हैं। हालांकि, भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने आधिकारिक तौर पर 'हलाल' सर्टिफिकेशन की अनिवार्यता से इनकार किया है।