क्या मोदी और ट्रंप की मुलाकात से व्यापारिक तनाव कम होगा? जानें ASEAN शिखर सम्मेलन की अहमियत
मोदी-ट्रंप की संभावित मुलाकात
Modi Trump Meet: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक जल्द ही होने की संभावना है। यह मुलाकात इस महीने मलेशिया में आयोजित होने वाले ASEAN शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है। 47वां आसियान शिखर सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर में आयोजित किया जाएगा, जहां दोनों नेता आमने-सामने मिल सकते हैं।
शिखर सम्मेलन में मोदी और ट्रंप की संभावित बैठक
प्रधानमंत्री मोदी 26 और 27 अक्टूबर को इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मलेशिया जाएंगे। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी मलेशियाई सरकार ने सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है। यदि ट्रंप इस निमंत्रण को स्वीकार करते हैं, तो उनके और प्रधानमंत्री मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना बढ़ जाएगी। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के समय में अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक टैरिफ लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है।
टैरिफ वॉर और द्विपक्षीय संबंध
भारत पर अमेरिकी टैरिफ की दर 50 फीसदी तक पहुंच चुकी है, जो आर्थिक संबंधों को प्रभावित कर रही है। ऐसे में पीएम मोदी और ट्रंप की संभावित मुलाकात दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक तनाव को कम करने और व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती है। यह बैठक दोनों नेताओं के लिए टैरिफ और अन्य व्यापारिक मुद्दों पर रणनीति तय करने का एक महत्वपूर्ण मंच होगी।
ASEAN की भूमिका और मलेशिया की अध्यक्षता
ASEAN (Association of Southeast Asian Nations) दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 8 अगस्त 1967 को आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। इस संगठन में दस सदस्य देश शामिल हैं: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया। वर्ष 2025 में ASEAN की अध्यक्षता मलेशिया कर रहा है।
इस शिखर सम्मेलन में इन दस देशों के नेताओं के अलावा अन्य वैश्विक नेता भी शामिल होंगे। पीएम मोदी और ट्रंप की संभावित मुलाकात न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण होगी, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापारिक व कूटनीतिक परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण संदेश दे सकती है।