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क्या राहुल गांधी का आरोप सही है? कंगना रनौत ने दिया करारा जवाब

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विदेशी नेताओं को विपक्ष के नेताओं से मिलने की अनुमति नहीं देती। इस पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने तीखी प्रतिक्रिया दी, उनका कहना है कि राहुल का दृष्टिकोण संदिग्ध है। कंगना ने सुझाव दिया कि अगर राहुल गांधी अटल बिहारी वाजपेयी के समान बनना चाहते हैं, तो उन्हें भाजपा में शामिल होना चाहिए। राहुल ने यह भी कहा कि यह एक स्थापित परंपरा थी कि विदेशी नेता विपक्ष के नेताओं से मिलते थे, जो अब समाप्त हो गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी समर्थन किया।
 

राहुल गांधी का आरोप और कंगना का जवाब


कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विदेशी नेताओं को विपक्ष के नेताओं से मिलने की अनुमति नहीं देती। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के समय में यह एक लोकतांत्रिक परंपरा थी। इस पर भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने तीखी प्रतिक्रिया दी।


कंगना रनौत की तीखी प्रतिक्रिया


कंगना ने राहुल गांधी के दृष्टिकोण को संदिग्ध बताते हुए कहा कि अगर वह अटल जी के समान बनना चाहते हैं, तो उन्हें भाजपा में शामिल होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अटल जी को देश की एक राष्ट्रीय धरोहर माना जाता था और उनके नेतृत्व पर गर्व था। लेकिन राहुल गांधी की बातें और क्रियाकलाप उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाते हैं।


राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता को विदेशी मेहमानों से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही, जबकि यह एक स्थापित परंपरा थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद यह परंपरा समाप्त हो गई है। उनका मानना है कि विपक्ष का दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को इससे अवगत होना चाहिए।


पुतिन की यात्रा पर राहुल गांधी का बयान


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के संदर्भ में राहुल गांधी ने कहा कि अटल जी और मनमोहन सिंह के समय में यह सामान्य था कि विदेशी नेता विपक्ष के नेताओं से मिलते थे। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में, विदेश से आने वाले नेताओं को सलाह दी जाती है कि वे विपक्षी नेताओं से न मिलें।


राहुल ने कहा कि सभी विपक्षी नेता भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं और केवल सरकार ही देश की आवाज नहीं होती। लेकिन सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष की बातें अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुँचें।


कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया और कहा कि लोकतंत्र में विदेशी नेताओं से विपक्ष को मिलने देना एक स्वस्थ परंपरा है, जिसे बनाए रखना चाहिए।