क्या ललन सिंह ने आतंकवादी मसूद अजहर को 'साहब' कहकर नया विवाद खड़ा किया?
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा
सोमवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री और जेडीयू सांसद ललन सिंह ने आतंकवादी मसूद अजहर को 'साहब' कहकर संबोधित किया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान में घुसकर 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया।
आतंक के मुखिया की प्रतिक्रिया
ललन सिंह ने कहा कि उस समय आतंक के सरगना मसूद अजहर और हाफिज सईद दोनों रो रहे थे और यह कह रहे थे कि उनका परिवार खत्म हो गया है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि काश वे खुद भी मर जाते। इस बयान के बाद ललन सिंह का 'मसूद अजहर साहब' वाला संदर्भ सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया।
दिग्विजय सिंह का विवादित बयान
इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को 'ओसामा जी' कहकर संबोधित किया था, जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ था। अब ललन सिंह का यह बयान भी विपक्ष के लिए एक नई बहस का कारण बन गया है।
ललन सिंह का विपक्ष पर हमला
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा के दौरान, ललन सिंह ने विपक्ष को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सभी मिसाइलें भारतीय सेना की कार्रवाई में हवा में ही नष्ट हो गईं, और पूरे देश ने देखा कि वे फूलझड़ी की तरह उड़ गईं। इसके बावजूद, विपक्ष इस सफलता को नजरअंदाज कर रहा है।
कांग्रेस पर आतंकवाद से निपटने में विफलता का आरोप
ललन सिंह ने कांग्रेस पर आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी तरीके से लड़ाई न लड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच देश में आतंकवाद ने पनाह ली थी, जिसमें 615 लोग मारे गए और 2006 लोग घायल हुए। यूपीए सरकार के समय आतंकवाद से निपटने की हिम्मत नहीं थी, वे केवल खानापूर्ति करते रहे।
प्रधानमंत्री मोदी की तुलना
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना करते हुए कहा कि मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी, जबकि कांग्रेस केवल वोट के लिए राजनीति करती रही। ललन सिंह ने जोर देकर कहा कि मोदी देश के लिए राजनीति करते हैं, जबकि विपक्ष अपनी राजनीतिक शक्ति बनाए रखने में लगा हुआ है।
संसद में गर्मागर्मी
यह पूरा मामला संसद में गहमागहमी का कारण बना हुआ है और राजनीतिक दलों के बीच गर्म बहस जारी है। ललन सिंह के बयान ने देश में आतंकवाद और उसकी लड़ाई पर फिर से चर्चा को जन्म दिया है।