क्या लालू यादव के परिवार में बढ़ रही है दरार? रोहिणी आचार्य ने उठाया बड़ा कदम
लालू प्रसाद यादव के परिवार में तनाव
Lalu Prasad Yadav Family Dispute : लालू प्रसाद यादव के परिवार में हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। उनकी बेटी, रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने परिवार के अन्य सदस्यों, जिसमें तेजस्वी यादव और राजद के नेता शामिल हैं, को अनफॉलो कर दिया है। इस कदम ने राजनीतिक हलकों में अटकलें बढ़ा दी हैं कि रोहिणी परिवार से दूरी बना सकती हैं और संभवतः इस्तीफा भी दे सकती हैं।
रोहिणी आचार्य का विरोधी रुख
रोहिणी आचार्य का विरोधी तेवर
रोहिणी आचार्य ने अपना X अकाउंट प्राइवेट कर लिया है और उन्होंने 61 लोगों को फ़ॉलो किया है, जिसमें केवल उनकी बहन, मीसा भारती शामिल हैं। यह कदम एक विरोधी रुख के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब उनकी नाराजगी की वजह तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी संजय यादव से जुड़े मतभेदों के रूप में सामने आई है।
सोशल मीडिया पर नाराजगी का इजहार
रोहिणी ने पोस्ट कर जताई नाराजगी
रोहिणी ने सोशल मीडिया पर दो पोस्ट साझा कर अपनी नाराजगी व्यक्त की। एक पोस्ट में उन्होंने अपने पिता लालू की तस्वीर के साथ लिखा, “जो जान हथेली पर रखते हैं, बेखौफी-बेबाकी उनके लहू में बहती है.” हालांकि, यह पोस्ट कुछ ही घंटों में गायब हो गई, जब रोहिणी ने अपना अकाउंट प्राइवेट कर लिया।
परिवार और पार्टी के भीतर खींचतान
परिवार और पार्टी के अंदर खींचतान
रोहिणी के इस कदम से परिवार और पार्टी के भीतर पहले से चल रही खींचतान का एक और संकेत मिला है। लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने भी हाल ही में परिवार के कई सदस्यों और राजद नेताओं को अनफॉलो किया था। यह कदम पार्टी में अंदरूनी कलह की खबरों को जन्म दे रहा है, जिससे साफ जाहिर होता है कि राजद के भीतर एक गहरे मतभेद और संघर्ष का माहौल बना हुआ है।
लालू प्रसाद के फैसले का समर्थन
लालू प्रसाद के फैसले को परिवार का समर्थन
लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था और परिवार से भी अलग कर दिया। इस फैसले को तेजस्वी यादव, मीसा भारती और रोहिणी आचार्य ने पूरी तरह से समर्थन किया है, जो परिवार में मौजूद विवादों की गंभीरता को दर्शाता है।
भविष्य की संभावनाएं
आगे क्या होगा?
रोहिणी आचार्य के इस कदम से न केवल लालू परिवार में और ज्यादा उथल-पुथल मचने की संभावना है, बल्कि इससे राजद के भविष्य पर भी असर पड़ सकता है। अब सवाल यह उठता है कि रोहिणी आचार्य की अगली रणनीति क्या होगी और वह इस पूरे घटनाक्रम में किस दिशा में आगे बढ़ेंगी? इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि पार्टी और परिवार के भीतर की खींचतान किस ओर जाती है।