क्या वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड बनाना है मुश्किल? जानें राज्यों की स्थिति
नई दिल्ली में वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 6 जून को देशभर में लगभग 8.8 लाख वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के लिए 'UMMEED' पोर्टल की शुरुआत की थी। हालांकि, डेडलाइन से एक दिन पहले तक कई राज्यों में पंजीकरण की प्रक्रिया अपेक्षित गति से नहीं चल पाई। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में केवल 10 से 35 प्रतिशत संपत्तियां ही पोर्टल पर दर्ज हो पाई हैं।
उत्तर प्रदेश: संपत्तियों की संख्या अधिक, पंजीकरण कम
उत्तर प्रदेश: देश में सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं, जिनकी संख्या 1.4 लाख है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत 1.26 लाख संपत्तियों में से केवल 36% और शिया वक्फ बोर्ड की 15,386 संपत्तियों में से मात्र 18.9% ही पोर्टल पर अपलोड हो पाई हैं। अधिकारियों का कहना है कि कई संपत्तियां सदियों पुरानी हैं और उनके मूल दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं हैं।
पश्चिम बंगाल: तकनीकी और भाषाई बाधाएं
पश्चिम बंगाल: यहां कुल 80,480 वक्फ संपत्तियों में से केवल 12% ही पंजीकृत हो पाईं। इसका मुख्य कारण ग्रामीण मुतवल्ली का तकनीकी ज्ञान का अभाव और पोर्टल का केवल अंग्रेजी में उपलब्ध होना है। इसके अलावा, भूमि माप इकाइयों में अंतर और वक्फ संशोधन अधिनियम के लागू न होने के कारण अपलोडिंग में देरी हुई है।
कर्नाटक: सर्वर की समस्या और धीमी अपलोडिंग
कर्नाटक: यहां 65,242 संपत्तियों में से केवल 6,000 ही अपलोड हो पाई हैं। अधिकारियों ने बताया कि पोर्टल बार-बार क्रैश हो जाता है और एक संपत्ति को अपलोड करने में 10-15 मिनट लग जाते हैं।
पंजाब: तेज पंजीकरण की प्रक्रिया
पंजाब: यहां लगभग 80% वक्फ रिकॉर्ड अपलोड किए गए हैं, लेकिन संपत्तियों के बजाय वक्फ एस्टेट्स अपलोड किए जा रहे हैं। एक एस्टेट में कई संपत्तियां हो सकती हैं, जिससे प्रक्रिया अपेक्षाकृत आसान और तेज रही है।
तमिलनाडु: दस्तावेजों की अस्पष्टता
तमिलनाडु: यहां कुल 66,092 संपत्तियों में से केवल 6,000 ही पंजीकृत हो पाई हैं। बोर्ड चेयरमैन नवास कानी के अनुसार, अधिकांश मुतवल्ली को तकनीकी सहायता नहीं मिली और कई संपत्तियों के दस्तावेज अस्पष्ट या अधूरे हैं।
केंद्र सरकार का रुख
केंद्र सरकार: वक्फ़ संशोधन अधिनियम के तहत पंजीकरण की अवधि कानून में निश्चित है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिना अधिनियम में बदलाव के समय सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने भी समय सीमा बढ़ाने से इनकार किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 70% संपत्तियां पंजीकृत नहीं हुई हैं। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी तकनीकी समस्याओं को लेकर चिंता जताई है।