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क्या शिबू सोरेन को मिलेगा भारत रत्न? झारखंड में उठ रही मांगें

झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन के बाद, उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग उठ रही है। इस मांग को झारखंड सरकार के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सबसे पहले उठाया था, जिसे अब व्यापक समर्थन मिल रहा है। शिबू सोरेन के योगदान को याद करते हुए कई राजनीतिक दलों ने भी इस मांग का समर्थन किया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और क्यों यह मांग इतनी महत्वपूर्ण है।
 

शिबू सोरेन का योगदान और भारत रत्न की मांग

Shibu Soren: झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और जनजातीय आंदोलन के प्रतीक शिबू सोरेन को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग तेजी से बढ़ रही है। 81 वर्षीय दिशोम गुरु का निधन 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ, जिससे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन के बाद, अब उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर उठ रही है।


डॉ. इरफान अंसारी की पहल


झारखंड सरकार के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस मांग की थी, जिसे अब व्यापक समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु ने अपने जीवन को जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए समर्पित किया। उन्होंने झारखंड आंदोलन को मजबूती प्रदान की और आदिवासी समुदाय को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंत्री ने इसे भारत रत्न के रूप में उनकी सच्ची श्रद्धांजलि बताया।


इस मांग को झारखंड विधानसभा में प्रस्ताव के रूप में लाने की योजना भी बनाई जा रही है। झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडेय ने इस मांग को उचित बताते हुए कहा कि शिबू सोरेन का जीवन संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। उनका सामाजिक योगदान देश के लिए प्रेरणादायक रहा है और इतिहास उन्हें हमेशा सम्मान के साथ याद करेगा।


कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का बयान


शिबू सोरेन के सम्मान में न केवल झारखंड, बल्कि देशभर के राजनीतिक दलों से आवाजें उठ रही हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि गुरुजी के प्रयासों के बिना झारखंड राज्य की कल्पना अधूरी होती। उन्होंने राज्य निर्माण की नींव रखी और आदिवासी हितों के लिए हमेशा संघर्ष किया।


पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने भी उनकी विरासत को याद करते हुए भारत रत्न की मांग की। उन्होंने कहा कि शोषितों और वंचितों की आवाज बनने वाले शिबू सोरेन को यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन समेत कई राष्ट्रीय नेताओं ने भी उनके योगदान को ऐतिहासिक बताते हुए इस मांग का समर्थन किया है।