क्या हरिवंश नारायण सिंह बनेंगे नए उपराष्ट्रपति? जानें इस्तीफे के पीछे की सच्चाई
हरिवंश नारायण सिंह की राष्ट्रपति से मुलाकात
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने आज, मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह मुलाकात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिसने राजनीतिक हलकों में नए उपराष्ट्रपति के चयन को लेकर अटकलों को बढ़ा दिया है.
हरिवंश का नाम सबसे आगे
उपराष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों में हरिवंश नारायण सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। वर्तमान में वे राज्यसभा के उपसभापति हैं और उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद कार्यवाहक सभापति की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुना जाता, तब तक उनकी यह जिम्मेदारी जारी रहेगी.
धनखड़ का इस्तीफा और राजनीतिक चर्चाएं
जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया, जबकि उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नीतीश कुमार को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए उन पर इस्तीफे का दबाव डाला.
हरिवंश की राजनीतिक स्थिति
हरिवंश नारायण सिंह का संबंध जनता दल (यूनाइटेड) से है और उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। यही कारण है कि उन्हें एक सहमति वाले और विवाद से मुक्त चेहरे के रूप में देखा जा रहा है, जिससे उनकी उम्मीदवारी को मजबूती मिलती है.
चुनाव की संभावनाएं
भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद खाली होने पर जल्दी चुनाव कराना आवश्यक है। ऐसे में चुनाव आयोग जल्द ही इस पद के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है.
एनडीए की स्थिति
यदि चुनाव होते हैं, तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की संसद में स्थिति मजबूत है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद वोट देते हैं। दोनों सदनों में कुल 786 सदस्य हैं और जीत के लिए कम से कम 394 वोटों की आवश्यकता होती है.
हरिवंश की उम्मीदवारी
हरिवंश नारायण सिंह की हालिया सक्रियता और उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए, उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए सबसे संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है.