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क्या है जीएसटी 2.0? जयराम रमेश ने उठाए गंभीर सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने जीएसटी 2.0 पर केंद्र सरकार के दावों को चुनौती दी है। उन्होंने इसे केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम करार दिया और कहा कि असली सुधार अधूरे हैं। रमेश ने जीएसटी के इतिहास और इसके प्रभावों पर भी प्रकाश डाला। जानिए उनके तर्क और सरकार का दृष्टिकोण क्या है।
 

जयराम रमेश ने जीएसटी पर उठाए सवाल

Jairam Ramesh on GST 2.0: कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच जीएसटी सुधारों को लेकर बहस तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को सरकार के 'जीएसटी बचत उत्सव' पर सवाल उठाते हुए इसे एक राजनीतिक कार्यक्रम करार दिया और कहा कि असली सुधार अभी भी अधूरे हैं। रमेश ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार हर नीति को बड़े इवेंट के रूप में पेश करती है, जबकि वास्तविक मुद्दों पर ध्यान नहीं देती।


सरकार पर जयराम रमेश का हमला

जयराम रमेश ने सरकार को घेरा


जयराम रमेश ने कांग्रेस की जीएसटी पहल को भी याद दिलाया। उन्होंने बताया कि 2006 से 2014 के बीच केवल एक मुख्यमंत्री ने जीएसटी का विरोध किया था, जो बाद में प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2017 में जीएसटी लागू कर इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश किया, जबकि यह वास्तव में कांग्रेस की पहल थी। रमेश ने बताया कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने इसे 'गब्बर सिंह टैक्स' कहा था, क्योंकि यह न तो सरल था और न ही उपभोक्ताओं के लिए पूरी तरह लाभकारी।


जीएसटी सुधारों की अधूरी प्रकृति

कांग्रेस नेता ने जीएसटी सुधारों की अधूरी प्रकृति और मुनाफाखोरी के खतरे को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि मुनाफाखोरी रोकने के लिए पहले बनाई गई नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी को समाप्त कर दिया गया। अब सरकार कह रही है कि टैक्स कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा, लेकिन इसकी कोई कानूनी गारंटी नहीं है। उन्होंने इन सुधारों को 'जीएसटी 2.0 नहीं, बल्कि जीएसटी 1.5' करार दिया।


जीएसटी और नोटबंदी पर जयराम रमेश की राय

जीएसटी और नोटबंदी पर जयराम 


रमेश ने 'जीएसटी बचत उत्सव' को केवल एक राजनीतिक शो बताया। उनका कहना था कि यह गवर्नेंस नहीं, बल्कि गवर्न-इवेंट है। सरकार हर चीज को इवेंट बना देती है और असली मुद्दों से ध्यान भटकाती है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को दो बड़े झटके दिए हैं, जिनका असर अभी तक महसूस किया जा रहा है।


केंद्र सरकार का दृष्टिकोण

आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में बड़ा कदम  


वहीं, केंद्र सरकार ने इन सुधारों को ऐतिहासिक करार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 390 से अधिक उत्पादों पर टैक्स कटौती मोदी सरकार का 'नवरात्रि तोहफा' है।


कुल मिलाकर, जयराम रमेश का कहना है कि जीएसटी सुधार अधूरे हैं और केवल राजनीतिक इवेंट में बदल दिए गए हैं, जबकि केंद्र सरकार इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है।