क्या है 'वीबी जी राम जी' योजना? कांग्रेस ने उठाए सवाल, थरूर ने किया सरकार पर हमला
नई दिल्ली में हंगामा
नई दिल्ली: लोकसभा में मनरेगा को बदलकर 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' या 'वीबी जी राम जी' योजना लाने के लिए पेश किए गए विधेयक पर जोरदार हंगामा हुआ।
सरकार ने इस बिल में महात्मा गांधी का नाम हटाने और काम के दिनों को 100 से 125 करने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस ने इसे गांधीजी की विरासत का अपमान करार दिया और इसका विरोध किया।
थरूर का तीखा बयान
संसद में थरूर का तीखा हमला
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पार्टी के साथ खड़े होकर सरकार पर तीखा हमला किया। तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि गांधीजी का राम राज्य का सपना सामाजिक सुधार का था, न कि राजनीतिक। उन्होंने महात्मा का नाम हटाने को गलत बताया और एक पुरानी गीत की पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा, "देखो ओ दिवानों, ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो।"
थरूर ने विधेयक के फंडिंग प्रावधानों पर भी सवाल उठाए। नए नियम के तहत बजट का बड़ा हिस्सा राज्य सरकारों पर डाल दिया जाएगा, जिससे गरीब राज्य संकट में पड़ सकते हैं। इससे मजदूरी भुगतान में देरी हो सकती है और योजना कमजोर हो सकती है।
कांग्रेस में थरूर का समर्थन
कांग्रेस के साथ थरूर का सुर मिलना
प्रियंका गांधी ने पहले विरोध किया, फिर थरूर ने समर्थन दिया। थरूर ने पहले मोदी की तारीफ की थी और पार्टी मीटिंगों से दूर रहे हैं। उनके भविष्य पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस की लाइन को पूरी तरह अपनाया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि वैचारिक मामलों में थरूर अभी भी पार्टी के साथ हैं।
नई योजना के फायदे और विवाद
नई योजना के फायदे और विवाद
सरकार का दावा है कि नई योजना विकसित भारत 2047 के विजन से जुड़ी है। इसमें 125 दिन काम की गारंटी, एआई से धांधली रोकना और सोशल ऑडिट को मजबूत करना शामिल है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह अधिकार-आधारित गारंटी को कमजोर कर रही है। फंडिंग शिफ्ट से राज्य पर बोझ बढ़ेगा।
गांधी और राम दोनों भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं, इन्हें राजनीतिक विभाजन का शिकार नहीं बनने देना चाहिए। यह बहस ग्रामीण गरीबों की आजीविका से जुड़ी है। संसद में चर्चा आगे बढ़ेगी और विपक्ष बिल को समिति में भेजने की मांग कर रहा है। थरूर का रुख दर्शाता है कि कांग्रेस एकजुट होकर लड़ाई लड़ रही है।