क्यों कांग्रेस ने मोदी सरकार पर किया हमला? जानें ट्रंप के टैरिफ के पीछे की कहानी
कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर 50% तक टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे इंदिरा गांधी के साहसिक दृष्टिकोण से प्रेरणा लें, जिन्होंने 1970 के दशक में अमेरिका के दबाव का सामना किया था, बजाय इसके कि वे उस समय की छवि को धूमिल करें या प्रतिगामी टिप्पणियाँ करें।
इंदिरा गांधी से सीखने की अपील
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर लिखा कि इंदिरा गांधी ने अमेरिका और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को चुनौती दी थी, खासकर 1971 की जंग से पहले। उन्होंने मोदी से कहा कि उन्हें अपने अहंकार को छोड़कर इंदिरा की तरह एक स्पष्ट और निर्णायक विदेश नीति अपनानी चाहिए।
ट्रंप का टैरिफ और मोदी की विदेश नीति
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मोदी की निजीकरण-उन्मुख और सुर्खियों में रहने वाली 'हग्लोमैसी' को नाकाम बताया। उनका कहना है कि ट्रम्प मोदी को मित्र कहकर भारत पर अत्यधिक और अनुचित कर लगा रहे हैं, जो मोदी की विदेश नीति की असफलता का संकेत है।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने मोदी से अपील की कि वे अपने निजी अहंकार को छोड़कर देशहित को प्राथमिकता दें और अमेरिकी धमकियों के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाएं। उन्होंने 50% टैरिफ को 'आर्थिक ब्लैकमेल' करार दिया और चेतावनी दी कि अगर मोदी ने कमजोर रवैया अपनाया, तो इसका खामियाजा आम भारतीयों को भुगतना पड़ेगा।
शशि थरूर की चिंता
निर्यात पर गंभीर असर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस बढ़ते हुए टैरिफ पर गहरी चिंता जाहिर की। उनका कहना है कि इससे भारतीय वस्तुएँ अमेरिका में महंगी हो जाएँगी और खरीदार दूसरे सस्ते विकल्पों जैसे बांग्लादेश या पाकिस्तान की ओर शिफ्ट हो सकते हैं। थरूर ने कहा कि यह स्थिति भारत की निर्यात वृद्धि के दृष्टिकोण से बेहद चिंताजनक है।
मोदी सरकार की विदेश नीति की कमजोरी
कमजोर नीति का खुलासा
कांग्रेस के सभी विपक्षी नेताओं का मानना है कि ट्रम्प का निर्णय मोदी सरकार की विदेश नीति की कमजोरी को उजागर करता है। इसके चलते भारतीय संविधान और व्यापार हितों की रक्षा हेतु स्पष्ट, निर्णायक और देशहित में एक समग्र विदेश नीति की आवश्यकता है।