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खतरनाक जहर बनाने की योजना: डॉक्टर सैयद अहमद की गिरफ्तारी

सैयद अहमद मोहयुद्दीन की गिरफ्तारी ने एक गंभीर खतरे को उजागर किया है। डॉक्टर ने चीन से डॉक्टरी की पढ़ाई की थी, लेकिन उसकी असली मंशा हजारों भारतीयों को नुकसान पहुँचाना था। एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने उसे जहर बनाने की योजना के साथ पकड़ा, जिसमें उसने आवश्यक सामग्री इकट्ठा कर ली थी। इस मामले में अन्य दो आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई है। जानें इस खतरनाक योजना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

डॉक्टर की खतरनाक गतिविधियाँ

अगर सैयद अहमद मोहयुद्दीन को समय पर नहीं पकड़ा जाता, तो वह हजारों भारतीयों की जान ले सकता था। सैयद अहमद ने चीन से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की है, लेकिन उसकी पढ़ाई का उद्देश्य लोगों की मदद करना नहीं, बल्कि उन्हें नुकसान पहुँचाना था। उसने एक खतरनाक जहर बनाने की योजना बनाई थी और इसके लिए आवश्यक सामग्री इकट्ठा करना शुरू कर दिया था।


एटीएस की कार्रवाई

एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने बताया कि सैयद ने जहर बनाने के लिए जरूरी उपकरण और कच्चा माल जुटा लिया था। उसने प्रारंभिक रासायनिक प्रक्रियाएँ भी शुरू कर दी थीं। एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि सैयद, शेख और सलीम हथियारों की अदला-बदली के लिए गुजरात में थे। पूछताछ के दौरान, सैयद ने बताया कि उसका सरगना अबू खदीजा अफगानिस्तान का निवासी है और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़ा हुआ है।


गिरफ्तारी की जानकारी

एटीएस ने गुप्त सूचना के आधार पर 7 नवंबर को अडालज के पास सैयद को गिरफ्तार किया। सैयद के साथ अन्य दो आरोपी, आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल मोहम्मद सलीम, जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, को भी बनासकांठा जिले से पकड़ा गया। दोनों ने कथित तौर पर राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार प्राप्त किए थे।


आतंकवादी गतिविधियों की योजना

सैयद की मानसिकता काफी उग्र थी, और वह भारत में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाने की योजना बना रहा था। उसने कई विदेशी संपर्क स्थापित किए थे। उसके सबसे सक्रिय संपर्कों में से एक अबू खदीजा नामक व्यक्ति था, जिसे वह अपना आमिर मानता था। अबू खदीजा का संबंध ISKP से हो सकता है। सैयद ने एक अत्यंत प्रभावी जहर बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके लिए उसने आवश्यक सामग्री जैसे कास्टर बीज, एसीटोन और अन्य रसायन जुटाए थे।