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गढ़चिरौली में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 61 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिसमें वरिष्ठ नेता एम वेणुगोपाल उर्फ भूपति भी शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

गढ़चिरौली में नक्सलियों का आत्मसमर्पण


Gadchiroli Naxalite Surrender: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सल विरोधी अभियान को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। यहां 61 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है, जिनमें वरिष्ठ नक्सली नेता एम वेणुगोपाल, जिसे भूपति के नाम से जाना जाता है, भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, भूपति पर 10 करोड़ रुपये का इनाम था और वह लंबे समय से सुरक्षा बलों की निगरानी में था।


गढ़चिरौली पुलिस ने बताया कि ये नक्सली सोमवार की रात आत्मसमर्पण करने आए। इनमें प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का एक केंद्रीय समिति सदस्य, 10 डिविजनल कमेटी सदस्य और कई अन्य सक्रिय कैडर शामिल हैं। भूपति संगठन के शीर्ष नेतृत्व में था, और उसकी रणनीतिक भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती थी, इसलिए इसका नक्सल संगठन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।




देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने इस आत्मसमर्पण को देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह से अंत होगा और बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में तेजी से विकास होगा।' गढ़चिरौली, छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है, जहां लंबे समय से नक्सली सक्रिय रहे हैं।


सुरक्षा ऑपरेशनों का निरंतर संचालन


सुरक्षा बलों का मानना है कि भूपति के आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन की शक्ति कमजोर होगी। पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों के पुनर्वास के बारे में जानकारी जल्द ही दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में गढ़चिरौली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में लगातार ऑपरेशनों का संचालन किया गया है, जिसका प्रभाव अब दिखाई देने लगा है।