×

गाज़ा-इज़राइल संघर्ष में नई उम्मीद: युद्धविराम की घोषणा से खुशी का माहौल

गाज़ा और इज़राइल में हाल ही में युद्धविराम की घोषणा के बाद एक नई खुशी का माहौल बना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता में हुए इस समझौते ने मध्य-पूर्व की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है। हालांकि, इस खुशी के पीछे अनिश्चितता की परछाई भी है, क्योंकि कई महत्वपूर्ण प्रश्न अनुत्तरित हैं। क्या यह समझौता स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम होगा? जानें इस समझौते के प्रभाव और भविष्य की संभावनाओं के बारे में।
 

गाज़ा और इज़राइल में खुशी का नया अध्याय

गाज़ा और इज़राइल में आज एक ऐसी खुशी का अनुभव हो रहा है, जो पिछले दो वर्षों में शायद ही देखी गई हो। इस खुशी का मुख्य कारण एक महत्वपूर्ण घोषणा है, जिसने मध्य-पूर्व की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता में हुए युद्धविराम और बंधक सौदे पर बनी सहमति का स्वागत पूरी दुनिया में किया जा रहा है। इस संघर्ष ने अब तक 67,000 से अधिक लोगों की जान ली है और इस क्षेत्र की भूराजनीतिक स्थिति को बदल दिया है।


शांति प्रयासों की नई किरण

यदि यह समझौता पूरी तरह से लागू होता है, तो यह गाज़ा-इज़राइल संघर्ष के इतिहास में सबसे बड़ा शांति प्रयास होगा। पिछले कई प्रयास असफल रहे हैं, लेकिन यह पहल एक नई उम्मीद लेकर आई है। मिस्र में हुए अप्रत्यक्ष वार्तालाप के बाद इस समझौते की घोषणा की गई, जिसके बाद गाज़ा की सड़कों से लेकर तेल अवीव तक, आम नागरिकों के बीच उत्सव का माहौल बन गया। संघर्षविराम की घोषणा के बाद तेल अवीव के 'होस्टेज स्क्वेयर' पर परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी। एक माँ ने कहा, 'हमारे बच्चे ट्रम्प के बिना वापस नहीं आते, हम उनके आभारी हैं।'


गाज़ा के लोगों के लिए राहत का क्षण

गाज़ा के निवासियों के लिए यह क्षण एक लंबे भयावह दौर के बाद राहत का प्रतीक है। बमों की गूँज से टूटी सड़कों पर अब बच्चों की हँसी सुनाई दे रही है, जबकि इज़राइल में बंधक परिवार अपने प्रियजनों की वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। दोनों पक्षों में यह समझ भी है कि युद्धविराम केवल शुरुआत है— असली शांति तभी संभव है जब न्याय, सम्मान और सुरक्षा सभी को समान रूप से मिले। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गाज़ा के ख़ान यूनुस के निवासियों ने कहा कि ईश्वर का धन्यवाद कि खूनख़राबा रुक गया। पूरी गाज़ा, अरब और दुनिया भर के लोग इस शांति से खुश हैं।


अनिश्चितता की परछाई

हालांकि, इस खुशी के पीछे अनिश्चितता की गहरी परछाई भी है। ट्रम्प की 20-सूत्रीय 'शांति रूपरेखा' का यह केवल पहला चरण है, जिसकी विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है। बुधवार रात ट्रम्प ने 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा कि 'इज़राइल और हमास दोनों ने हमारे शांति समझौते के पहले चरण को मंज़ूरी दी है। इसका अर्थ है कि सभी बंधक शीघ्र रिहा होंगे और इज़राइल अपनी सेनाएँ सहमति की रेखा तक पीछे हटाएगा।'


नेतन्याहू की प्रतिक्रिया

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे 'राजनयिक सफलता और राष्ट्रीय नैतिक विजय' बताया। उनका कहना है कि सभी बंधक अपने घर लौटेंगे और यह समझौता 'मजबूत, स्थायी और चिरस्थायी शांति' की दिशा में पहला कदम है। ट्रम्प के लिए यह एक राजनीतिक उपलब्धि भी है, क्योंकि उन्होंने चुनावी अभियान के दौरान गाज़ा और यूक्रेन दोनों संघर्षों में शांति लाने का वादा किया था।


भविष्य के सवाल

हालांकि, युद्धविराम की इस सुबह के साथ कई प्रश्न अनुत्तरित हैं। जैसे- गाज़ा में युद्ध के बाद की प्रशासनिक व्यवस्था कौन संभालेगा? हमास का भविष्य क्या होगा? क्या वह अपने हथियार छोड़ेगा या इज़राइली सेनाओं की मौजूदगी तक उसका प्रतिरोध जारी रहेगा? इन सवालों के उत्तर ही आने वाले हफ्तों में इस 'शांति' की स्थिरता तय करेंगे।


हमास का बयान

हमास ने भी अपने बयान में कहा है कि यह समझौता 'हमारे लोगों के बलिदानों का फल है' और वह तब तक अपने 'राष्ट्रीय अधिकारों, स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय' की लड़ाई नहीं छोड़ेगा जब तक फिलिस्तीनी स्वाधीन राज्य की स्थापना नहीं होती।


संघर्ष के आँकड़े

गाज़ा प्रशासन के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से अब तक 67,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और पूरा क्षेत्र मलबे में तब्दील हो चुका है। वहीं इज़राइली आँकड़ों के मुताबिक 1,200 नागरिक मारे गए थे और 251 को बंधक बनाकर गाज़ा ले जाया गया था। इनमें से 20 अब भी जीवित हैं। अब उम्मीद है कि अगले 72 घंटों में जीवित बंधकों की रिहाई शुरू होगी।


अंतरराष्ट्रीय निकाय की भूमिका

ट्रम्प की योजना के अगले चरण में गाज़ा की प्रशासनिक देखरेख एक अंतरराष्ट्रीय निकाय करेगा, जिसमें ट्रम्प स्वयं और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल होंगे। हालांकि, अरब देशों ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी शांति योजना का अंतिम लक्ष्य एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य होना चाहिए— जिसे नेतन्याहू सिरे से अस्वीकार करते हैं।


शांति की उम्मीद

हालांकि, आज गाज़ा और इज़राइल दोनों में खुशी है, पर यह खुशी अभी अधूरी है। यह राहत की साँस है, जीत की नहीं। किसी भी युद्ध की असली जीत तब होती है जब वह दुबारा न लौटे। इस समझौते ने दोनों जनता को यही संदेश दिया है कि रक्तपात की जगह संवाद ले सकता है, यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति सच्ची हो। युद्ध की राख से उठती यह शांति की चिंगारी भले ही छोटी हो, पर यह मध्य-पूर्व की सबसे लम्बी रात के बाद पहली सच्ची सुबह है।