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गाजीपुर PET परीक्षा में फर्जीवाड़ा: सुरक्षा व्यवस्था की चूक उजागर

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में PET परीक्षा के दौरान एक फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ा गया है, जिसने अपने विकलांग भाई की जगह परीक्षा देने का प्रयास किया। आइरिस स्कैनिंग ने उसकी पहचान को उजागर कर दिया। इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी। जानें इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी और सुरक्षा में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।
 

गाजीपुर PET परीक्षा में फर्जीवाड़ा

गाजीपुर PET परीक्षा में फर्जीवाड़ा: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की परीक्षाओं की पारदर्शिता और सुरक्षा के दावों के बीच एक गंभीर मामला सामने आया है। गाजीपुर जिले में प्रीलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (PET) के दौरान एक फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ा गया। आरोपी ने अपने विकलांग छोटे भाई की जगह परीक्षा देने का प्रयास किया, लेकिन आइरिस स्कैनिंग ने उसकी पहचान को उजागर कर दिया।


यह घटना रविवार को पहले शिफ्ट की परीक्षा के दौरान भुतहियातांड क्षेत्र के एवरग्रीन पब्लिक स्कूल में हुई। अधिकारियों के अनुसार, आरोपी की पहचान संदीप कुमार के रूप में हुई, जो अपने भाई सौरभ प्रताप की जगह परीक्षा देने आया था। उसके भाई की विकलांगता के कारण संदीप ने उसकी जगह परीक्षा में बैठने की योजना बनाई थी।


आइरिस स्कैनिंग से पहचान का खुलासा


पुलिस ने बताया कि संदीप ने सुरक्षा के तीन स्तरों को पार कर परीक्षा कक्ष में प्रवेश किया, लेकिन चौथे स्तर पर लगे आइरिस स्कैनर ने उसकी असलियत को उजागर कर दिया। स्कैनर में पहचान न मिलने पर तुरंत अलार्म बज गया और संदीप को मौके पर ही रोक लिया गया।


कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू


परीक्षा केंद्र पर तैनात योगी फोर्स के सदस्यों ने संदीप को हिरासत में लिया और उसे स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले की शिकायत परीक्षा केंद्र के अधीक्षक ने की, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। गाजीपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शेखर सेंगर ने बताया कि घटना की जानकारी शाम करीब 5:30 बजे मिली। उन्होंने कहा कि मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और जांच जारी है।


सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी


पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि संदीप ने शुरुआती तीन सुरक्षा स्तरों को कैसे पार किया। अधिकारियों का कहना है कि इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। परीक्षा के दौरान पहचान सत्यापन की प्रक्रिया को और मजबूत बनाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।