गिरिराज सिंह की विवादास्पद टिप्पणी पर राजनीतिक हलचल
गिरिराज सिंह का 'नमक हराम' बयान
गिरिराज सिंह का 'नमक हराम' बयान: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए राजनीतिक दल प्रचार में जुटे हैं। इस बीच, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के प्रमुख नेता गिरिराज सिंह अपने एक विवादास्पद बयान के कारण विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। गिरिराज ने एक चुनावी रैली में मुसलमानों को 'नमक हराम' कहा, जिस पर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
गिरिराज सिंह ने शनिवार को बिहार के अरवल जिले में एक रैली में मुसलमानों को 'नमक हराम' कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमान मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हैं, लेकिन भाजपा को वोट नहीं देते। इस पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राऊत ने कहा, 'गिरिराज का यह कहना गलत है कि मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देते। 2014 में मुसलमानों ने मोदी को वोट दिया था और भाजपा को बिहार और उत्तर प्रदेश में समर्थन मिला था।'
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राऊत ने आगे कहा, 'अब हिंदू भी उन्हें वोट नहीं दे रहे हैं। क्या आप हिंदुओं को भी 'नमक हराम' कहेंगे? प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।' वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने गिरिराज के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।
क्या है पूरा मामला?
गिरिराज सिंह ने रैली में एक मौलवी के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने मौलवी से पूछा कि क्या उन्हें आयुष्मान कार्ड मिला। मौलवी ने कहा कि उन्हें कार्ड मिला है और इसमें कोई भेदभाव नहीं था। जब गिरिराज ने पूछा कि क्या उन्होंने उन्हें वोट दिया, तो मौलवी ने कहा नहीं। गिरिराज ने कहा कि जो किसी के उपकार को नहीं मानता, उसे 'नमक हराम' कहा जाता है। उन्होंने मौलवी से कहा कि हमें ऐसे 'नमक हरामों' के वोट की आवश्यकता नहीं है।