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गुरुग्राम नगर निगम ने ठेकेदार पर लगाया जुर्माना, घटिया सामग्री के लिए सख्त कार्रवाई

गुरुग्राम नगर निगम ने ठेकेदार पर घटिया सामग्री के उपयोग के लिए सख्त कार्रवाई की है। मालिबु टाउन में सडक़ों की रिकार्पेटिंग में गुणवत्ता मानकों का पालन न करने पर ठेकेदार को दंडित किया गया है। निगम ने ठेकेदार को कार्य को फिर से गुणवत्तापूर्ण तरीके से करने का निर्देश दिया है। यदि भविष्य में लापरवाही बरती गई, तो ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। निगमायुक्त ने सभी अधिकारियों को विकास कार्यों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
 

गुरुग्राम नगर निगम की कड़ी कार्रवाई


  • गुरुग्राम नगर निगम ने ठेकेदार पर की सख्त कार्रवाई
  • मालिबु टाउन क्षेत्र में सडक़ निर्माण कार्य में गुणवत्ता नहीं मिलने पर एजेंसी को अंतिम नोटिस जारी


गुरुग्राम समाचार। नगर निगम ने घटिया सामग्री के उपयोग पर ठेकेदार के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। मालिबु टाउन में सडक़ों की रिकार्पेटिंग में गुणवत्ता मानकों का पालन न करने पर संबंधित एजेंसी को दंडित किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, ठेकेदार पर जुर्माना लगाया गया है और उसे कार्य को फिर से गुणवत्तापूर्ण तरीके से करने का निर्देश दिया गया है। यदि भविष्य में लापरवाही बरती गई, तो ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और कार्य किसी अन्य एजेंसी को सौंपा जाएगा।


निगम ने एजेंसी को पुनः कार्य करने के निर्देश दिए

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि मालिबु टाउन की सडक़ों की रिकार्पेटिंग का कार्य देशवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था, जिसकी लागत 5.75 करोड़ रुपये है। मानसून से पहले कार्य शुरू किया गया था, लेकिन निरीक्षण में गुणवत्ता असंतोषजनक पाई गई। निगम ने एजेंसी को पुनः कार्य करने का निर्देश दिया। मानसून के बाद दोबारा शुरू किए गए कार्य में भी गुणवत्ता मानकों की पूर्ति नहीं की गई, जिसके परिणामस्वरूप निगम ने कंपनी पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया है।


गुणवत्ता के साथ समझौता करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी

निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि नगर निगम की प्राथमिकता नागरिकों को बेहतर और टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि किसी भी एजेंसी को लापरवाही करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गुणवत्ता के साथ समझौता करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। निगमायुक्त ने सभी इंजीनियरों और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे विकास कार्यों का नियमित निरीक्षण करें। यदि किसी कार्य में अनियमितता या मानकों में कमी पाई जाती है, तो तुरंत रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई सुनिश्चित करें।