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गुहला क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवजे का इंतजार

गुहला क्षेत्र में अगस्त-सितंबर में आई बाढ़ ने 90 गांवों को प्रभावित किया, जिससे 5096 किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई। मुख्यमंत्री ने मुआवजे का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक किसानों को कोई सहायता नहीं मिली है। किसान स्थानीय अधिकारियों से लेकर विधायकों तक अपनी आवाज उठा चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याएं अनसुनी हैं। जानें इस संकट के बीच किसानों की स्थिति और उनकी उम्मीदें।
 

गुहला चीका (फसल मुआवजा):

अगस्त और सितंबर में आई बाढ़ ने गुहला क्षेत्र के लगभग 90 गांवों को प्रभावित किया। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 5096 किसानों की 40,000 एकड़ में खड़ी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।


इसके अलावा, गुहला क्षेत्र में धान की फसल में बौने पौधे और हल्दी रोग ने भी नुकसान पहुंचाया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पहले ही घोषणा की थी कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है और बाढ़ तथा बीमारियों से प्रभावित फसलों के लिए मुआवजा दिया जाएगा, जो दिवाली से पहले किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाएगा।


जल्द मिलेगा फसल खराबे का मुआवजा

गुहला के एसडीएम कैप्टन प्रमेश सिंह ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित फसलों की विशेष गिरदावरी के लिए सरकार ने 15 नवंबर तक का समय निर्धारित किया था। गुहला क्षेत्र से गिरदावरी की अंतिम रिपोर्ट 12 नवंबर को सरकार को भेजी गई थी। उम्मीद है कि किसानों को जल्द ही उनके नुकसान का मुआवजा मिल जाएगा।


हालांकि, मुख्यमंत्री की इस घोषणा को दो महीने से अधिक समय हो चुका है, लेकिन किसानों को अभी तक मुआवजे के रूप में एक पैसा भी नहीं मिला है। भाकियू चढूनी के प्रदेश उपाध्यक्ष चमकौर सिंह और अन्य नेताओं ने बताया कि किसान स्थानीय अधिकारियों, विधायकों, सांसदों और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उनकी आवाज सरकार तक नहीं पहुंच रही।


फसल के साथ ही बह गए सपने

गांव भागल के बुजुर्ग किसान मांगे राम की 10 एकड़ भूमि मारकंडा नदी के किनारे स्थित है। बाढ़ के दौरान उनकी पूरी धान की फसल पानी में बह गई। मांगे राम ने बताया कि उनके परिवार का एकमात्र सहारा खेती है।


पिछले दो सीज़न में धान की फसल बाढ़ में बर्बाद हो गई है, जिससे उनका परिवार गंभीर आर्थिक संकट में है। मांगे राम ने कहा कि जब भी वे अधिकारियों के पास मुआवजे के लिए जाते हैं, तो उन्हें यही जवाब मिलता है कि कार्यवाही पूरी हो गई है, अब मुआवजा सरकार को देना है।