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गोवा मुक्ति दिवस: 19 दिसंबर का महत्व और आज़ादी की कहानी

गोवा मुक्ति दिवस, जो हर साल 19 दिसंबर को मनाया जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। 1961 में गोवा ने पुर्तगाली शासन से मुक्ति पाई, जिसने उसकी राजनीतिक और सांस्कृतिक दिशा को बदल दिया। इस दिन को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। जानें इस दिन का महत्व और गोवा की आज़ादी की कहानी के बारे में।
 

गोवा मुक्ति दिवस का ऐतिहासिक महत्व


गोवा: हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह वही दिन है जब 1961 में गोवा ने पुर्तगाली शासन से मुक्ति पाई और भारत का अभिन्न अंग बना। लगभग 451 वर्षों तक चले पुर्तगाली उपनिवेश का अंत इसी दिन हुआ, जिसने गोवा की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दिशा को हमेशा के लिए बदल दिया।


गोवा की स्वतंत्रता का संघर्ष

जब भारत 1947 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र हुआ, तब भी गोवा पर पुर्तगाल का नियंत्रण बना रहा। पुर्तगाल ने गोवा को अपनी 'अविभाज्य भूमि' मानते हुए भारत में विलय से इनकार किया। इस अन्याय के खिलाफ गोवा में कई जनआंदोलन, सत्याग्रह और विरोध प्रदर्शन हुए।


गोवा की आज़ादी के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनमें पुरुषोत्तम काकोडकर का नाम प्रमुख है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की गोवा शाखा का नेतृत्व किया और स्वतंत्रता के बाद उत्तर गोवा से लोकसभा सांसद बने। उनके प्रयासों ने गोवा में राष्ट्रवादी भावना को प्रबल किया।


ऑपरेशन विजय और गोवा की मुक्ति

दिसंबर 1961 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारत सरकार ने सैन्य कार्रवाई का निर्णय लिया। भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन विजय के तहत थल, जल और वायु सेना की संयुक्त कार्रवाई की। यह अभियान लगभग 36 घंटे तक चला, जिसके बाद पुर्तगाली सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया और 19 दिसंबर 1961 को गोवा स्वतंत्र हुआ।


गोवा मुक्ति दिवस का प्रतीकात्मक महत्व

गोवा मुक्ति दिवस केवल एक राज्य की स्वतंत्रता का दिन नहीं है, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, एकता और आत्मसम्मान का प्रतीक भी है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता केवल संघर्ष से नहीं, बल्कि साहस और दृढ़ संकल्प से प्राप्त होती है।


गोवा मुक्ति दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह दिन देश के इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय की याद दिलाता है। उन्होंने उन वीरों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने अन्याय को स्वीकार नहीं किया और साहस के साथ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके बलिदान आज भी गोवा की प्रगति के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।