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चंडीगढ़ संशोधन बिल पर आम आदमी पार्टी का तीखा विरोध

आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ संशोधन बिल पर केंद्र सरकार के खिलाफ तीखा विरोध जताया है। पार्टी का कहना है कि यह बिल पंजाब की राजधानी को छीनने की एक साजिश है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे अन्याय बताया है और कहा है कि चंडीगढ़ हमेशा पंजाब का हिस्सा रहेगा। अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है, यह कहते हुए कि यह पंजाब की पहचान पर सीधा हमला है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

चंडीगढ़ संशोधन बिल पर आम आदमी पार्टी का हमला

चंडीगढ़ संशोधन बिल: आम आदमी पार्टी ने पंजाब में चंडीगढ़ संशोधन बिल को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। AAP का दावा है कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने की योजना बना रही है। यह संशोधन बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा और इसे 131वां संविधान संशोधन बिल–2025 के रूप में जाना जा रहा है।


इस प्रस्तावित बिल के तहत चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 में शामिल किया जाएगा। यदि ऐसा होता है, तो चंडीगढ़ उन केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिनमें विधानसभा नहीं होती और जिनका पूरा प्रशासन केंद्र सरकार के अधीन होता है। वर्तमान में, पंजाब के राज्यपाल चंडीगढ़ के प्रशासक होते हैं, लेकिन संशोधन के बाद केंद्र सरकार अलग से एक उपराज्यपाल नियुक्त कर सकेगी।


भगवंत मान का विरोध—‘पंजाब की राजधानी छीनने की कोशिश’

AAP ने इस कदम को “पंजाब के साथ धोखा” करार दिया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे एक “बड़ा अन्याय” बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार पंजाब की राजधानी को “छीनने की साजिश” कर रही है।


मान का बयान

“चंडीगढ़ पहले भी पंजाब का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा… मातृ राज्य होने के नाते पंजाब का अपनी राजधानी चंडीगढ़ पर पूरा अधिकार है।”


केंद्र सरकार पर केजरीवाल का सीधा हमला

भगवंत मान के बयान के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी इस मुद्दे पर सामने आए।
उन्होंने अपने X पोस्ट में लिखा कि केंद्र सरकार का यह कदम पंजाब की पहचान, अधिकार और संघीय ढांचे पर सीधा हमला है।


केजरीवाल का बयान

“यह सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह पंजाब की आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा है। इतिहास गवाह है कि पंजाबियों ने कभी भी किसी तानाशाही के सामने सिर नहीं झुकाया और आज भी नहीं झुकेंगे। चंडीगढ़ पंजाब का है और रहेगा।”