चिराग पासवान ने नीतीश सरकार की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
चिराग पासवान की कड़ी आलोचना
चिराग पासवान: बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। इस बीच, केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की तीखी आलोचना की है। हाल की आपराधिक घटनाओं ने उनकी चिंता को और बढ़ा दिया है, जिसके चलते उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर जोरदार हमला किया है।
गया में हुई शर्मनाक घटना
हाल ही में गया में एक दुखद घटना ने पूरे बिहार को झकझोर दिया। एक होमगार्ड भर्ती दौड़ में भाग ले रही महिला अभ्यर्थी बेहोश हो गई, और उसे अस्पताल ले जाते समय एम्बुलेंस में दो लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इस घटना पर चिराग पासवान ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "बिहार में जिस तरह से अपराध हो रहा है, प्रशासन पूरी तरह से अपराधियों के सामने नतमस्तक हो गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी सरकार का समर्थन करने में उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है, जो अपराध को रोकने में असफल रही है।
पटना में अपराधियों का हौसला
पटना में अपराधियों के हौसले बुलंद: पटना के पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या ने भी कानून व्यवस्था की बदहाली को उजागर किया। चंदन, जो पैरोल पर इलाज के लिए अस्पताल में था, उसे वहां गोली मार दी गई। इस पर चिराग ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, "पटना के रिहायशी इलाके में स्थित पारस अस्पताल में हुआ हमला साबित करता है कि अपराधी कानून और प्रशासन को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।" उन्होंने यह भी पूछा कि बिहार में हत्या, लूट और बलात्कार जैसी घटनाएं क्यों थम नहीं रही हैं।
नीतीश सरकार पर चिराग की नाराजगी
चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन या तो अपराधियों के साथ मिला हुआ है या पूरी तरह निष्क्रिय हो चुका है। उन्होंने कहा, "मुझे शर्म आती है कि मैं ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूं, जिसके शासन में अपराध नियंत्रण से बाहर हो गया है।" हाल के महीनों में बिहार में कई गंभीर आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं। पटना के पॉश इलाके में व्यवसायी गोपाल खेमका की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या, भाजपा नेता विक्रम झा पर हमला, और एक वकील व शिक्षक की हत्या ने राज्य में भय का माहौल बना दिया है।
बिहार पुलिस की जिम्मेदारी पर सवाल
लगातार हो रही घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए चिराग ने कड़े शब्दों में पूछा, "अब बिहारियों को और कितनी हत्याओं का सामना करना पड़ेगा? बिहार पुलिस की जिम्मेदारी क्या है, यह समझ से परे है।" उनकी यह टिप्पणी उस समय आई है, जब उनकी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
चिराग का राजनीतिक दांव
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी ने एनडीए से अलग होकर जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे, जिससे जदयू को केवल 43 सीटें मिलीं। इस बार भी उनकी रणनीति नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा करने की है। चिराग की आलोचना और उनकी पार्टी का चुनावी ऐलान बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकता है।