चीन की सैन्य परेड 2025: किम जोंग उन की उपस्थिति का महत्व
चीन की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
चीन ने 2025 में अपनी सैन्य ताकत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य परेड का आयोजन किया। बीजिंग के तियानआनमेन चौक पर आयोजित इस परेड में अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम, आधुनिक टैंक्स और हाई-टेक ड्रोन शामिल थे। यह दिखाने के लिए कि चीन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि अपनी सुरक्षा को लेकर भी पूरी तरह सजग है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के विभिन्न यूनिट्स ने इस परेड में भाग लिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि चीन किसी भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए तैयार है.किम जोंग उन की उपस्थिति: एक रणनीतिक संकेत
इस बार की परेड में सबसे महत्वपूर्ण पहलू उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की उपस्थिति थी। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मंच साझा किया, जो केवल औपचारिकता से अधिक प्रतीत होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने का संकेत है। इसके साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति विकसित की जा सकती है.
एशिया की भू-राजनीति पर प्रभाव
यह परेड केवल एक सैन्य प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी थी। चीन और उत्तर कोरिया के बीच की नज़दीकियां एशिया के शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं। अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के लिए यह चिंता का विषय बन सकता है, जिससे भविष्य में कूटनीतिक समीकरणों में बड़े बदलाव की संभावना है.
दुनिया को सतर्क रहने की आवश्यकता
चीन की सैन्य परेड 2025 और किम जोंग उन की भागीदारी केवल एक आयोजन नहीं थी, बल्कि यह एक रणनीतिक संदेश था। यह आने वाले समय में चीन और उत्तर कोरिया के इरादों की दिशा को भी दर्शाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बाकी दुनिया इस नई नजदीकी पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या कदम उठाए जाते हैं.