चीन ने भारत को प्रदूषण संकट से निपटने में मदद की पेशकश की
नई दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति
नई दिल्ली: चीन ने भारत को उसके बढ़ते प्रदूषण संकट से निपटने में सहायता की पेशकश की है, खासकर जब दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में घने कोहरे और खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की समस्या है.
भारत में चीनी दूतावास ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि बीजिंग और शंघाई जैसे शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के अनुभव को साझा करने के लिए वह तैयार है.
दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने कहा, 'चीन भी एक समय गंभीर धुंध का सामना कर चुका है. हम अपनी 'नीले आसमान' की यात्रा साझा करने को तैयार हैं और हमें विश्वास है कि भारत भी जल्द इस मुकाम तक पहुंचेगा.'
चीन ने प्रदूषण से निपटने के लिए क्या कदम उठाए?
चीन ने लगभग एक दशक पहले भारत जैसी समस्याओं का सामना किया था. 2013 में, चीनी सरकार ने 'प्रदूषण के खिलाफ युद्ध' छेड़ते हुए 100 अरब अमेरिकी डॉलर का एक बड़ा अभियान शुरू किया था. इसके तहत कई कठोर कदम उठाए गए, जैसे भारी उद्योगों को शहरों से बाहर ले जाना, वाहनों के उत्सर्जन पर सख्त नियंत्रण, प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों को बंद करना और ऊर्जा के लिए कोयले की जगह प्राकृतिक गैस का उपयोग बढ़ाना.
इन उपायों के परिणामस्वरूप कई चीनी शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अब बीजिंग में साल के 100 से अधिक दिन साफ आसमान देखने को मिलते हैं.
वनीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान
चीन ने बड़े पैमाने पर वनीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा पर भी ध्यान केंद्रित किया है. 'ग्रेट ग्रीन वॉल' योजना के तहत 12 प्रांतों में लगभग 35 अरब पेड़ लगाए गए हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े वृक्षारोपण अभियानों में से एक है. चीन प्रति हेक्टेयर वनीकरण पर अमेरिका और यूरोप की तुलना में तीन गुना अधिक खर्च करता है और सौर व पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है.
दिल्ली की वायु गुणवत्ता की स्थिति
हालांकि, दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शनिवार सुबह दिल्ली का औसत AQI 335 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. दिवाली के बाद से वायु गुणवत्ता लगातार 'खराब' या 'बहुत खराब' रही है, और कई बार 'गंभीर' स्तर तक पहुंच गई है.
CPCB के मानकों के अनुसार, 0-50 AQI 'अच्छा' माना जाता है, जबकि 301-400 'बहुत खराब' और 401-500 'गंभीर' स्तर पर होता है, जो सामान्य लोगों की सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है.