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चुनाव आयोग ने ई वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया, राहुल गांधी के आरोपों के बाद उठाया कदम

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों के बाद मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने के लिए ई वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। नए 'ई साइन' फीचर के तहत, आवेदकों को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा, जिससे उनकी पहचान सुनिश्चित होगी। राहुल गांधी ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग पर निशाना साधा है, यह कहते हुए कि आयोग वोट चोरी करने वालों की रक्षा कर रहा है। जानें इस नई प्रक्रिया के बारे में और राहुल गांधी के आरोपों का क्या असर हुआ है।
 

नई व्यवस्था का उद्देश्य

नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों के बाद, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए ई वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। इस प्रक्रिया के तहत, आयोग ने अपने पोर्टल और ऐप पर एक नया 'ई साइन' फीचर पेश किया है। इस बदलाव के बाद, मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या आपत्ति दर्ज कराने के लिए आवेदक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि आवेदन करने वाला वही व्यक्ति है, जिसका नाम या नंबर उपयोग में लाया गया है।


पहले की प्रक्रिया में बदलाव

सूत्रों के अनुसार, 23 सितंबर से पहले ई वेरिफिकेशन की आवश्यकता नहीं थी। हालांकि, राहुल गांधी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन फॉर्म भरकर किसी और का नाम नहीं कटवा सकता है। आयोग ने बताया कि इसके लिए बीएलओ वेरिफिकेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। पहले कई बार ऐसा हुआ था कि किसी और का नाम या मोबाइल नंबर देकर फॉर्म भरे जाते थे, लेकिन चुनाव आयोग केवल वेरिफिकेशन के माध्यम से ही नाम जोड़ता या हटाता था।


राहुल गांधी का आरोप

चुनाव आयोग द्वारा इस बदलाव की घोषणा के बाद, राहुल गांधी ने आयोग पर हमला करते हुए कहा, 'ज्ञानेश जी (मुख्य निर्वाचन आयुक्त), हमने चोरी पकड़ी तब आपको ताला लगाना याद आया। अब चोरों को भी पकड़ेंगे। तो बताइए, सीआईडी को सबूत कब दे रहे हैं आप।' उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 6,018 लोगों के नाम कटवाने के लिए दिए गए आवेदन में से 5,994 गलत पाए गए हैं, जिसके चलते चुनाव आयोग ने एफआईआर दर्ज कराई है। राहुल गांधी का कहना है कि चुनाव आयोग कर्नाटक की सीआईडी को आवश्यक दस्तावेज नहीं दे रहा है, और इसी आधार पर उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग वोट चोरी करने वालों की रक्षा कर रहा है।