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छत्तीसगढ़ में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी पर विवाद: धार्मिक स्वतंत्रता का सवाल

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी ने धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के विरोध में यूडीएफ सांसदों ने संसद में प्रदर्शन किया, जिसमें ननों की तत्काल रिहाई की मांग की गई। आरोप है कि ननों को मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
 

छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी का मामला

छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी: दुर्ग में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी ने धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर गंभीर चिंताएँ उत्पन्न की हैं। इस घटना के विरोध में संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सांसदों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया, जिसमें कांग्रेस के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, आरएसपी के एन. के. प्रेमचंद्रन और आईयूएमएल के ई. टी. मोहम्मद बशीर शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने ननों की तत्काल रिहाई और अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न को रोकने की मांग की।


दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कथित मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में दो कैथोलिक ननों सहित तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई बजरंग दल के एक स्थानीय नेता की शिकायत पर की गई, जिसमें नारायणपुर की तीन लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और तस्करी का आरोप लगाया गया था। हालांकि, इस कार्रवाई को धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है।



यूडीएफ का संसद में प्रदर्शन


सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले यूडीएफ सांसदों ने मकर द्वार के सामने प्रदर्शन किया। उनके हाथों में पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, 'अल्पसंख्यकों पर हमले बंद करो'। इस प्रदर्शन के माध्यम से सांसदों ने ननों की गिरफ्तारी की निंदा की और भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर सवाल उठाए। के. सी. वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'यूडीएफ सांसदों ने दुर्ग (छत्तीसगढ़) में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न के खिलाफ आज संसद के बाहर प्रदर्शन किया। इन निर्दोष महिलाओं ने कुछ भी गलत नहीं किया लेकिन फिर भी हिंसक भीड़ ने उन्हें निशाना बनाया।'


राहुल गांधी का समर्थन


वेणुगोपाल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा, 'छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया - यह न्याय नहीं, भाजपा-आरएसएस का गुंडा राज है। यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है: इस शासन में अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न हो रहा है। यूडीएफ सांसदों ने आज संसद में विरोध प्रदर्शन किया। हम चुप नहीं रहेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है। हम उनकी तत्काल रिहाई और इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं।'