जबलपुर में उद्घाटन हुआ राज्य का सबसे लंबा फ्लाईओवर, ट्रैफिक में होगी कमी
जबलपुर में फ्लाईओवर का उद्घाटन
शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर में राज्य के सबसे लंबे फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। यह फ्लाईओवर न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि शहरी विकास का प्रतीक भी माना जा रहा है। इसकी डिज़ाइन और सुविधाओं के कारण इसे प्रदेश में आधुनिक ट्रैफिक प्रबंधन का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया जा रहा है।
यह फ्लाईओवर 7 किलोमीटर लंबा है, जो मदन महल से दमोह नाका के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देगा। जहां पहले इस दूरी को तय करने में 40 से 45 मिनट लगते थे, वहीं अब यह समय घटकर केवल 6-7 मिनट रह जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे शहरवासियों को जाम से काफी राहत मिलेगी। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 1200 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और इसे राज्य के शहरी ढांचे में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
ब्रिज की विशेषताएँ
अत्याधुनिक इंजीनियरिंग का उदाहरण
इस फ्लाईओवर की एक प्रमुख विशेषता 192 मीटर लंबा सिंगल-स्पैन केबल-स्टे ब्रिज है, जो रेलवे लाइन के ऊपर बनाया गया है। इसके अलावा, इसमें तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज भी शामिल हैं, जिनमें से दो रानीताल और एक बल्देवबाग क्षेत्र में स्थित हैं। प्रत्येक की लंबाई 70 मीटर है और इन्हें पूरी तरह से स्टील से निर्मित किया गया है। यह संरचना न केवल मजबूती का प्रतीक है, बल्कि आधुनिक इंजीनियरिंग का भी उदाहरण है।
हरियाली और जनसुविधाएँ
हरियाली का ध्यान
फ्लाईओवर के नीचे 50,000 से अधिक पौधे लगाए गए हैं, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी। इसके साथ ही, यहां बास्केटबॉल कोर्ट, ओपन जिम और बच्चों के लिए पार्क जैसी सुविधाएं भी विकसित की गई हैं। इससे यह क्षेत्र केवल यातायात के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक गतिविधियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।
यात्रियों के लिए सुविधाएँ
यात्रा को सरल बनाने के उपाय
यात्रियों की सुविधा के लिए 10 दिशा-सूचक बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि मार्ग भ्रम की स्थिति न बने। अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना की नींव 2019 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रखी थी। सितंबर 2023 में विधानसभा चुनावों से पहले, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फ्लाईओवर के एक हिस्से का उद्घाटन किया था। अब इसका पूरा कॉरिडोर जनता के लिए खोल दिया गया है।