जम्मू-कश्मीर में नए साल की सुरक्षित शुरुआत के लिए सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान
भलेसा-डोडा जिले में तलाशी अभियान
जम्मू: जब पूरी दुनिया नए साल का जश्न मना रही है, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस बर्फबारी और ठंडे तापमान के बीच 2026 की शांतिपूर्ण शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए तलाशी अभियान में जुटी हुई हैं। सुरक्षा बल डोडा जिले के भलेसा क्षेत्र में ऊंचे पहाड़ों और गुफाओं में संभावित खतरों का सामना कर रहे हैं।
कड़ाके की सर्दी में अभियान
डोडा की भलेसा बेल्ट हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटी हुई है, जहां घने जंगल और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाके हैं। इस क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी और भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे तापमान शून्य से नीचे चला गया है। इसके बावजूद, सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान जारी है। उनकी प्रतिबद्धता क्षेत्र में स्थायी शांति लाने के लिए दृढ़ है।
स्थानीय लोगों की सुरक्षा में सेना की भूमिका
स्थानीय निवासियों का मानना है कि सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की बहादुरी और समर्पण के कारण ही वे अपने घरों में सुरक्षित महसूस करते हैं। सेना ने डोडा जिले के साथ-साथ किश्तवाड़ में भी आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर दिया है।
चिल्लई कलां का प्रभाव
जम्मू-कश्मीर में इस समय चिल्लई कलां का दौर चल रहा है, जो कश्मीर की सर्दियों का सबसे कठोर चरण है। यह 21 दिसंबर से 31 जनवरी तक चलता है और इस दौरान आतंकवादी गतिविधियों में अस्थायी कमी आती है। हालांकि, इस बार भारतीय सेना की रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
नए साल के लिए सुरक्षा तैयारियां
उधमपुर के उप पुलिस अधीक्षक प्रहलाद कुमार ने कहा कि नए साल के अवसर पर भीड़ की उम्मीद है। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए, विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय किया गया है और चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
एकीकृत दृष्टिकोण से संचालन
सेना के गश्ती दल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आतंकियों को कोई सुरक्षित स्थान न मिले। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव आतंकवाद विरोधी रणनीति में एक महत्वपूर्ण विकास है।
समन्वित प्रयासों का नेतृत्व
भारतीय सेना नागरिक प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर एक समन्वित प्रयास कर रही है। यह सहयोग बेहतर परिचालन निष्पादन और खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करता है।