×

जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनावों में भाजपा की रणनीति

भारतीय जनता पार्टी जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनावों को जटिल बनाने की योजना बना रही है। पार्टी ने सभी चार सीटों पर उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है, जिससे चुनावी परिदृश्य में बदलाव आ सकता है। भाजपा के पास केवल 28 विधायक हैं, और अन्य दलों के साथ प्रतिस्पर्धा में उसे कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। जानिए भाजपा की रणनीति और चुनावी संभावनाओं के बारे में अधिक जानकारी।
 

भाजपा का चुनावी दांव

भारतीय जनता पार्टी जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनावों को जटिल बनाने की योजना बना रही है। इसके पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि वह सभी चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। यह चुनाव कई वर्षों के बाद हो रहे हैं, जब राज्य की चार सीटें खाली पड़ी थीं। इनमें से दो सीटों के लिए अधिसूचना अलग-अलग जारी की गई है, जबकि अन्य दो के लिए एक साथ। पहले दो सीटों के चुनाव अलग-अलग होंगे, जिसमें एक सीट जीतने के लिए 45 वोटों की आवश्यकता होगी, जबकि बाद की दो सीटों में एक सीट जीतने के लिए 30 वोटों की आवश्यकता होगी।


आमतौर पर, पहले की दोनों सीटें सत्तारूढ़ दल को मिलती हैं, जिससे कोई नामांकन नहीं होता और चुनाव निर्विरोध हो जाता है। लेकिन इस बार भाजपा ने उन सीटों पर भी उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है, जिससे चुनाव संभव होगा। हालांकि, भाजपा के लिए किसी भी सीट को जीतना मुश्किल होगा, क्योंकि उसके पास केवल 28 विधायक हैं। बाद की दो सीटों में से एक सीट जीतने के लिए भाजपा को कम से कम दो अतिरिक्त वोटों की आवश्यकता होगी। माना जा रहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और अन्य दल चारों सीटों पर जीत हासिल करने की कोशिश करेंगे और भाजपा को एक भी सीट जीतने से रोकने का प्रयास करेंगे। संभवतः इसी कारण भाजपा सभी सीटों पर उम्मीदवार देकर क्रॉस वोटिंग की संभावना को बढ़ाने और चुनाव को जटिल बनाने की रणनीति अपना रही है।