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जयराम रमेश का आरोप: चीन राष्ट्रीय सुरक्षा का मजाक बना रहा है

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने चीन के हालिया दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा कि चीन राष्ट्रीय सुरक्षा का मजाक बना रहा है। रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को चिंताजनक बताया और कहा कि भारत को स्पष्ट करना चाहिए कि चीन की भूमिका क्या थी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच तनाव के संदर्भ में यह दावे महत्वपूर्ण हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

चीन के दावे पर जयराम रमेश की प्रतिक्रिया


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि चीन राष्ट्रीय सुरक्षा का मजाक बना रहा है। यह बयान चीन के उस दावे के बाद आया है जिसमें उसने कहा था कि उसने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की। हाल ही में, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एक कार्यक्रम में यह दावा किया कि चीन ने मई में हुए सैन्य तनाव को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


भारत ने चीन के दावे को खारिज किया

चीन के विदेश मंत्रालय ने इस बयान को सोशल मीडिया पर साझा किया, लेकिन भारत सरकार ने इसे खारिज कर दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि संघर्ष को रोकने में किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।


प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में स्पष्टता की मांग की है। जयराम रमेश ने कहा कि मोदी की चुप्पी चिंताजनक है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर सवाल उठते हैं।


भारत और चीन के बीच तनाव

उन्होंने एक्स पर लिखा कि 4 जुलाई को सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा था कि भारत वास्तव में चीन का सामना कर रहा था। यदि चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा था, तो इसका मध्यस्थता का दावा चिंताजनक है।


ट्रम्प के दावे पर मोदी की चुप्पी

रमेश ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कई बार दावा किया है कि उन्होंने 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था, लेकिन मोदी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।


भारत-चीन संबंधों की स्थिति

भारत ने चीन के साथ बातचीत शुरू की है, लेकिन यह चीनी शर्तों पर हो रही है। 19 जून 2020 को मोदी द्वारा चीन को दी गई क्लीन चिट ने बातचीत की स्थिति को कमजोर किया है।


अरुणाचल प्रदेश में चीन की गतिविधियाँ

चीन की उकसाने वाली गतिविधियाँ अरुणाचल प्रदेश में जारी हैं। देश का व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर है और निर्यात का एक बड़ा हिस्सा चीन से आयात पर निर्भर है। ऐसे में, जनता को यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने में चीन की क्या भूमिका थी।