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जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री: सना तकैची ने रचा इतिहास

सना तकैची ने जापान की सत्तारूढ़ पार्टी के नेतृत्व चुनाव में जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है। वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं। उनकी जीत महंगाई और विपक्षी ताकतों के बीच जनता का भरोसा पुनः हासिल करने की चुनौती के साथ आई है। जानें उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और चुनावी मुकाबले के बारे में।
 

सना तकैची की ऐतिहासिक जीत

Japan First Female Prime Minister: जापान की सत्तारूढ़ पार्टी के नेतृत्व चुनाव में सना तकैची ने शनिवार को अपनी जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है. पांच प्रमुख मेल प्रतियोगियों के बीच अकेली महिला उम्मीदवार के तौर पर तकैची ने शानदार प्रदर्शन किया और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिया. उनकी यह जीत जापान में महंगाई और बढ़ती विपक्षी ताकतों के बीच जनता का भरोसा पुनः हासिल करने की चुनौती के बीच आई है. जीत के बाद तकैची ने कहा कि खुशी से ज्यादा मुझे लगता है कि कठिन काम अब शुरू होता है.


चुनावी मुकाबला और तकैची की जीत

एलडीपी के पांच दावेदारों में से सना तकैची अकेली महिला थीं जिन्होंने 44 वर्षीय शिनजिरो कोइजुमी जैसे युवा और मध्यमपंथी उम्मीदवार को परास्त किया. कोइजुमी देश के सबसे युवा आधुनिक नेता बनने की आकांक्षा रखते थे. 64 वर्षीय तकैची ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की प्रशंसक हैं और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के कंजर्वेटिव एजेंडे की कट्टर समर्थक मानी जाती हैं.


राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण

1993 में अपने गांव में नगर नारा से संसद में चुनी गई तकैची ने कई अहम पदों पर काम किया है जिनमें आर्थिक सुरक्षा, आंतरिक मामलों और लैंगिक समानता मंत्री के रूप में उनकी भूमिका शामिल है. जापान की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी अभी भी कम है निचली सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल 15 प्रतिशत है और देश के 47 प्रांतों में केवल दो प्रांतों की महिला गवर्नर हैं.


तकैची सम्राट परिवार में पुरुष उत्तराधिकार को समर्थन देती हैं समलैंगिक विवाह का विरोध करती हैं और विवाहित जोड़ों को अलग-अलग उपनाम रखने की अनुमति देने वाले सदी पुराने कानून में बदलाव के खिलाफ हैं जिससे महिलाओं को अपने नाम छोड़ने से बचाया जा सके. इसके अलावा उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुए निवेश समझौते की समीक्षा करने का संकेत भी दिया है जिसमें जापानी करदाताओं के निवेश के बदले ट्रंप ने भारी टैरिफ कम किया था.