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जी-7 देशों का इजरायल के प्रति समर्थन, ईरान को अस्थिरता का कारण बताया

जी-7 देशों ने इजरायल के प्रति समर्थन जताते हुए ईरान को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मुख्य कारण बताया है। हाल के संघर्षों में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती हिंसा ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है। इस बीच, इजरायल-हमास के बीच चल रही लड़ाई भी जारी है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

जी-7 देशों का बयान


ओटावा (कनाडा): इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष में तेजी आई है, और इसी बीच जी-7 देशों ने ईरान के खिलाफ इजरायल का समर्थन किया है। जी-7 समूह ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ईरान पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मुख्य कारण है। उन्होंने क्षेत्र में शांति और स्थिरता की आवश्यकता पर जोर दिया है।


लड़ाई का इतिहास

इजरायल ने पिछले शुक्रवार को ईरान पर हवाई हमले किए थे, जिसके बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए। इजरायल ने फिर से ईरान के परमाणु और अन्य सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, और दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।


इजरायल-हमास संघर्ष

गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच अक्टूबर 2023 से लड़ाई चल रही है। हमास ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे थे, जिसके बाद इजरायल ने गाजा से लगे क्षेत्रों में जमीनी हमले किए और कई लोगों को बंधक बना लिया। अभी भी कई बंधक हमास के कब्जे में हैं।


जी-7 शिखर सम्मेलन में ट्रंप की वापसी

जी-7 देशों का शिखर सम्मेलन 16 और 17 तारीख को कनाडा में आयोजित किया गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने अचानक एक दिन पहले वाशिंगटन लौटने का निर्णय लिया। उन्होंने ईरान के नागरिकों से तेहरान छोड़ने का आग्रह किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ईरान के खिलाफ संघर्ष बढ़ सकता है।