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जींद में एसडीएम ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किया जागरूक

जींद के एसडीएम होशियार सिंह ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरूक किया। उन्होंने पराली जलाने को एक कानूनी अपराध बताते हुए किसानों से अपील की कि वे इसे न जलाएं। प्रशासन ने इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। जानें इस दौरे के दौरान क्या-क्या हुआ और किसानों को क्या निर्देश दिए गए।
 

एसडीएम का गांवों का दौरा


जींद के जुलाना क्षेत्र के एसडीएम होशियार सिंह ने शनिवार को कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर गांव गोसाई खेड़ा, शामलो कलां, ढिगाना और निडाना का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने धान उगाने वाले किसानों से मिलकर फसल अवशेष प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया। सभी गांवों में जाकर किसानों को पराली जलाने से रोकने और कृषि उपकरणों के उपयोग के लिए जागरूक किया गया।


अवशेष जलाना: एक गंभीर मुद्दा

एसडीएम होशियार सिंह ने बताया कि फसल अवशेष जलाना न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि यह कानूनी अपराध भी है। इससे पर्यावरण, भूमि और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पराली जलाने से बचें ताकि भूमि की उर्वरता बनी रहे और प्रदूषण से बचा जा सके।


उन्होंने यह भी कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा, जो किसान अवशेष जलाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


प्रशासन की जिम्मेदारी

एसडीएम ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय भी पराली जलाने की घटनाओं पर ध्यान दे रहा है और प्रशासन को निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मुद्दे पर पूरी तरह से सतर्क है।


सभी ग्राम सचिव, पटवारी, चौकीदार, नंबरदार और सरपंचों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने गांवों में पराली जलाने के खिलाफ प्रशासन के संदेश का प्रचार करें। दौरे के दौरान, एसडीएम ने शामलो कलां गांव में धान के अवशेष में गेहूं की बुवाई करने वाली मशीन का निरीक्षण भी किया।