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झामुमो ने बिहार चुनाव 2025 में उम्मीदवार न उतारने का लिया निर्णय

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उम्मीदवार न उतारने का निर्णय लिया है। पार्टी ने महागठबंधन के घटक दलों के प्रति नाराजगी के चलते यह कदम उठाया है। झामुमो ने कांग्रेस और आरजेडी पर धोखा देने का आरोप लगाया है। जानें इस निर्णय के पीछे की वजहें और महागठबंधन पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
 

झामुमो का चुनावी रुख बदलना

Bihar Election 2025: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में अपने दृष्टिकोण में अचानक बदलाव किया है। पार्टी ने केवल दो दिनों के भीतर अपना निर्णय पलटते हुए बिहार में किसी भी सीट पर उम्मीदवार न उतारने का ऐलान किया है। यह निर्णय पार्टी के आंतरिक चर्चाओं और महागठबंधन के सहयोगियों के प्रति नाराजगी के चलते लिया गया है। झामुमो ने कांग्रेस और आरजेडी पर धोखा देने का आरोप लगाया है। मंत्री ने कहा कि झामुमो इसका प्रतिशोध अवश्य लेगी।


शुक्रवार को रांची में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह घोषणा की थी कि पार्टी महागठबंधन से अलग होकर छह विधानसभा सीटों - जमुई, चकाई, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और कटोरिया पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। उन्होंने महागठबंधन पर सम्मान न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब झामुमो अकेले चुनावी मैदान में उतरेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरजेडी और कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि 2019 और 2024 में हमने झारखंड कैबिनेट में आरजेडी और कांग्रेस को सम्मान दिया, लेकिन बिहार में हमारे कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान के साथ समझौता किया जा रहा है। बार-बार धोखा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


चुनाव में भाग नहीं लेगी JMM


रविवार को पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने एक नया बयान जारी करते हुए चुनाव न लड़ने का ऐलान किया। पांडेय के अनुसार, गठबंधन के नेताओं ने झामुमो को अंतिम समय तक अंधेरे में रखा, जिससे पार्टी को निर्णय लेने में कठिनाई हुई। उन्होंने कहा कि इस स्थिति का आकलन करते हुए झामुमो झारखंड में महागठबंधन की भूमिका की समीक्षा करेगा। अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लेंगे।


धोखा देने का आरोप


जेएमएम के बिहार विधानसभा चुनाव से बाहर होने के बाद महागठबंधन में एक बड़ी दरार उत्पन्न हो गई है। इस पर मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने स्पष्ट कहा कि अब पार्टी बिहार में महागठबंधन से अलग होकर अपनी राजनीतिक रणनीति बनाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में भी गठबंधन पर दोबारा समीक्षा की जाएगी.