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झारखंड में भाजपा की चुनावी चुनौतियाँ: दीपक प्रकाश का कार्यकाल समाप्ति की ओर

झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का कार्यकाल जून में समाप्त हो रहा है। शिबू सोरेन के निधन से एक सीट पहले से ही खाली है, और आगामी चुनाव में भाजपा को जीतने के लिए 28 वोटों की आवश्यकता होगी। महागठबंधन के पास 56 विधायक हैं, जो आसानी से दोनों सीटें जीत सकते हैं। इस स्थिति में भाजपा और जेएमएम के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा भी चल रही है। जानें इस राजनीतिक गणित के पीछे की कहानी और दीपक प्रकाश की संभावनाएँ।
 

दीपक प्रकाश का कार्यकाल और चुनावी स्थिति

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का कार्यकाल जून में समाप्त होने वाला है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन के कारण एक सीट पहले से ही खाली है। आगामी चुनाव में दो सीटों के लिए मतदान होगा, जिसमें एक सीट जीतने के लिए 28 वोटों की आवश्यकता होगी। पिछले विधानसभा चुनाव के परिणामस्वरूप भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के पास कुल 24 सीटें हैं, जिनमें से 21 भाजपा की हैं, जबकि लोजपा, जदयू और आजसू के पास एक-एक सीट है। इसका मतलब है कि भाजपा को कम से कम चार अतिरिक्त वोट जुटाने होंगे।


वहीं, महागठबंधन के पास 56 विधायक हैं, जो आसानी से दोनों सीटें जीत सकते हैं। हालांकि, इस पर भी चर्चा होगी कि क्या दोनों सीटें झामुमो के पास रहेंगी या एक सीट कांग्रेस को दी जाएगी। यह एक अलग मुद्दा है। हाल के दिनों में झारखंड में भाजपा और जेएमएम के बीच संभावित गठबंधन की अटकलें भी इस गणित से जुड़ी हुई हैं। यदि दोनों पार्टियां एकजुट होती हैं, तो भाजपा को एक सीट मिल सकती है। दीपक प्रकाश की जेपी नड्डा के साथ करीबी रिश्ते के कारण वह उस सीट पर वापसी कर सकते हैं, लेकिन यह अभी भी एक दूर की बात है।