झारखंड हाईकोर्ट ने शिक्षक नियुक्तियों पर लगाया रोक, परीक्षा की प्रक्रिया को दी प्राथमिकता
झारखंड हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में सहायक आचार्यों (शिक्षकों) की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है, जब तक कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) का आयोजन नहीं किया जाता।
जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के 402 अभ्यर्थियों की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया।
कोर्ट ने राज्य के शिक्षा सचिव को निर्देश दिया कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से मार्च 2026 तक जेटेट का आयोजन सुनिश्चित किया जाए।
अदालत ने कहा कि जब तक परीक्षा का परिणाम नहीं आता, तब तक सहायक आचार्यों के शेष पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित रखा जाए। जिन अभ्यर्थियों की पहले से नियुक्ति हो चुकी है, वे इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक जेटेट नहीं होती, तब तक राज्य में शिक्षक नियुक्तियों के लिए कोई नया विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। अदालत ने पिछले नौ वर्षों में जेटेट के आयोजन में देरी पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज और कुशल कुमार ने अदालत में बहस की। उन्होंने बताया कि लंबे समय से जेटेट न होने के कारण अभ्यर्थियों को नियुक्ति के अवसरों से वंचित होना पड़ रहा है।
झारखंड के अलग राज्य बनने के 25 वर्षों में यह परीक्षा केवल दो बार आयोजित की गई है। पहली बार 2013 में 68 हजार और दूसरी बार 2016 में 53 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की थी। वर्ष 2024 में जेटेट के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें लगभग 3.65 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
हालांकि, जून 2025 में नियमावली में संशोधन का हवाला देते हुए विज्ञापन रद्द कर दिया गया। यह निर्णय राज्य शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया। कहा गया कि नई नियमावली बनने के बाद परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होगी।