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झालावाड़ में सांसद राजकुमार रोत के कार्यक्रम में हंगामा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

झालावाड़ में विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित एक रैली में सांसद राजकुमार रोत के आरक्षण संबंधी बयान पर हंगामा हुआ। विरोध कर रहे युवकों ने नारेबाजी की और पुलिस पर पथराव किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। सांसद ने इस हंगामे के पीछे बीजेपी से जुड़े लोगों का हाथ बताया और सरकार की मुआवजे की घोषणा को औपचारिकता करार दिया। जानें पूरी खबर में क्या हुआ।
 

झालावाड़ में विश्व आदिवासी दिवस पर रैली

झालावाड़ में सांसद राजकुमार रोत का विरोध: राजस्थान के झालावाड़ में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर एक रैली का आयोजन किया गया। इस दौरान सांसद राजकुमार रोत के आरक्षण संबंधी बयान पर कुछ युवकों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे मंच के निकट खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। सांसद ने विरोध कर रहे युवकों से बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इस बीच, मौके पर तैनात पुलिस ने उन्हें समझाकर वहां से हटाने की कोशिश की। हंगामे का नेतृत्व अरविंद भील कर रहे थे। जब पुलिस ने अरविंद को समझाने के लिए अपने साथ ले जाने का प्रयास किया, तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।


गुस्साए युवकों का पथराव

ज्ञात हो कि झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत के बाद राजकुमार रोत ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें स्थानीय लोग भी शामिल हुए थे। इस दौरान, कुछ युवक, जिनका नेतृत्व अरविंद भील कर रहे थे, सांसद के आरक्षण संबंधी पूर्व के बयान पर नारेबाजी करने लगे। सांसद ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन वे नहीं माने। पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए अरविंद को पकड़ने का प्रयास किया, जिससे गुस्साए युवकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया।


सांसद का आरोप

बीजेपी से जुड़े लोगों का हाथ: सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि इस हंगामे के पीछे बीजेपी से जुड़े लोग शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें झालावाड़ से चुनाव नहीं लड़ना है। जो लोग उनके खिलाफ आए हैं, वे समाज के मानसिक विकलांग हैं। इसके साथ ही, सांसद ने झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे को लेकर सरकार पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि प्रदेश सरकार की 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा केवल औपचारिकता है।