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ट्रंप और मस्क के बीच बढ़ता विवाद: क्या है असली वजह?

डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच चल रहा विवाद अब केवल व्यक्तिगत मतभेदों तक सीमित नहीं रहा। ट्रंप ने मस्क को अमेरिका से बाहर करने की धमकी दी है, जबकि मस्क ने इसे तानाशाही मानसिकता बताया है। यह विवाद 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की राजनीति।
 

ट्रंप और मस्क के बीच तकरार

ट्रंप बनाम मस्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला तथा स्पेसएक्स के प्रमुख एलन मस्क के बीच विवाद एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। इस बार मामला व्यक्तिगत मतभेदों से आगे बढ़कर ट्रंप द्वारा मस्क को अमेरिका से बाहर करने की धमकी तक पहुंच गया है।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह विवाद ट्रंप के "टैक्स और स्पेंडिंग बिल" पर मस्क की कड़ी आलोचना के बाद शुरू हुआ।


विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

मस्क ने ट्रंप के आर्थिक बिल की आलोचना करते हुए कहा कि यह अमेरिकी करदाताओं पर "अनुचित बोझ" डालता है और "भविष्य की तकनीकों के लिए हानिकारक" है। उन्होंने ट्वीट किया कि यह बिल नवाचार और निजी निवेश को कमजोर करता है। ट्रंप ने मस्क के इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि मस्क अमेरिका में आकर अरबपति बने हैं, और अगर वह "कृतघ्नता" दिखाते हैं, तो उन्हें डिपोर्ट कर देना चाहिए।


मस्क का प्रतिवाद

मस्क ने ट्रंप के बयान को "तानाशाही मानसिकता" करार दिया। उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी नागरिक हैं और किसी भी लोकतंत्र में मतभेद रखना उनका अधिकार है, न कि अपराध। मस्क ने ट्रंप को याद दिलाया कि अमेरिका विचारों की स्वतंत्रता पर आधारित है, न कि व्यक्तिगत वफादारी पर। उन्होंने यह भी कहा, "अगर नवाचार की आज़ादी नहीं होगी, तो अमेरिका चीन से पीछे रह जाएगा।"


राजनीतिक संदर्भ

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित रणनीति का हिस्सा हो सकता है। मस्क की X पर बढ़ती राजनीतिक सक्रियता और ट्रंप की चुनावी तैयारी के कारण यह टकराव और भी तीव्र हो सकता है। माना जा रहा है कि ट्रंप मस्क के प्रभाव को कम करना चाहते हैं, जबकि मस्क ट्रंप की नीतियों को खुलकर चुनौती दे रहे हैं।


क्या विवाद थमेगा?

वर्तमान में, इस विवाद के थमने के कोई संकेत नहीं दिखते। दोनों ही सार्वजनिक मंचों पर एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। यह विवाद केवल दो व्यक्तियों के बीच नहीं, बल्कि तकनीक और राजनीति के बीच एक नई जंग बनता जा रहा है।