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ट्रंप का विवादास्पद बयान: अमेरिकियों को चिप निर्माण में कमी का सामना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चिप निर्माण उद्योग पर विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अमेरिकियों की तकनीकी कमी की ओर इशारा किया। उन्होंने H-1B वीजा धारकों के प्रति अपने समर्थन का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका में चिप बनाने की क्षमता नहीं है। ट्रंप का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका अपने सेमीकंडक्टर उद्योग को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
 

ट्रंप का बयान और अमेरिकी चिप उद्योग

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी चिप निर्माण उद्योग की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि H-1B वीजा धारकों के प्रति अपने समर्थन का बचाव करते हुए यह तर्क दिया कि अमेरिकियों को 'माइक्रोचिप बनाना नहीं आता'।


यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका अपने घरेलू सेमीकंडक्टर चिप उद्योग को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने बताया कि अमेरिकी कार्यबल में सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल की कमी है, जो इस महत्वपूर्ण उद्योग के लिए आवश्यक है।


उन्होंने कहा, "अमेरिका अब ज्यादा चिप का निर्माण नहीं करता है। अगर हमें चिप बनानी है, तो हमें अपने लोगों को इसकी ट्रेनिंग देनी होगी, क्योंकि हमने यह कारोबार ताइवान को बहुत ही मूर्खतापूर्ण तरीके से गंवा दिया है।" हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि यह क्षेत्र अमेरिका में जल्द ही वापस आएगा और उन्होंने घरेलू उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद जताई।


दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप ने 2022 के 'चिप्स अधिनियम' को नकार दिया, जिसका उद्देश्य अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देना था। उन्होंने इसे एक आपदा करार दिया और कहा, "सभी चिप बनाने वाली कंपनियां वापस आ रही हैं और संभवतः दुनिया में अधिकांश चिप निर्माण अमेरिका में ही होगा।"


ट्रंप के इस बयान के बाद अमेरिका में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और उनके रिपब्लिकन सहयोगियों ने भी उनकी आलोचना की है। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने कहा कि कांग्रेस में रिपब्लिकन बहुमत में हैं और वे H-1B वीजा को समाप्त करने के लिए कानून बना सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा, "यहां शब्दों का नहीं, बल्कि कार्यों का महत्व है।"


एक अन्य अधिकारी ने ट्रंप को याद दिलाया कि माइक्रोचिप का आविष्कार करने का श्रेय जिन दो अमेरिकी इंजीनियरों को दिया जाता है, वे जैक किल्बी और रॉबर्ट नॉयस थे।


इन आलोचनाओं के बावजूद, ट्रंप अपने विचारों पर अडिग दिखे। उन्होंने कहा, "अच्छी खबर यह है कि सब कुछ वापस आ रहा है। यह तो हमेशा से यहीं (अमेरिका में) होना चाहिए था।"