ट्रंप के दावों की सच्चाई: भारत-पाकिस्तान संघर्ष में उनकी भूमिका पर सवाल
ट्रंप के दावों की असलियत
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों की सच्चाई अब धीरे-धीरे उजागर हो रही है। ट्रंप ने कई बार यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका है, यह कहते हुए कि दोनों देश परमाणु शक्तियां हैं। हालांकि, भारत ने बार-बार कहा है कि ट्रंप के ये दावे निराधार हैं। भारत का कहना है कि सीजफायर केवल दोनों देशों की इच्छा से हुआ। अब पाकिस्तान भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि ट्रंप का इस मामले में कोई योगदान नहीं था।
ऑपरेशन सिंदूर का महत्व
22 अप्रैल 2025 की तारीख भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। इस दिन हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। पाकिस्तान ने इस हमले के बाद कई झूठे दावे किए, लेकिन उसकी बौखलाहट स्पष्ट थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इशाक डार ने हाल ही में स्वीकार किया कि भारत की कार्रवाई को रोकने के लिए उन्हें अन्य देशों का सहारा लेना पड़ा।
पाकिस्तान की तैयारी और भारत का जवाब
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने बताया कि सऊदी प्रिंस फैसल बिन सलमान ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत की थी, जिसमें पाकिस्तान ने संघर्ष रोकने का आश्वासन दिया। डार ने कहा कि पाकिस्तान भारत को जवाब देने के लिए तैयार था, लेकिन इससे पहले ही भारत ने नूर एयरबेस और शोरकोट एयरबेस पर हमला कर दिया। इस दौरान पाकिस्तान की स्थिति चिंताजनक थी।
सऊदी प्रिंस की भूमिका
भारत के हमले के बाद, प्रधानमंत्री ने आई फोर्सेज को जवाबी कार्रवाई के लिए अधिकृत किया। डार ने बताया कि सऊदी प्रिंस ने उन्हें फोन किया और कहा कि क्या उन्हें जयशंकर से बात करने का अधिकार है। इसके बाद, उन्होंने जयशंकर को भी यही संदेश दिया कि अगर भारत रुकता है, तो पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है।