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डिंपल यादव पर विवादास्पद टिप्पणी से राजनीतिक हलचल

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के पहनावे पर मौलाना साजिद रशीदी की विवादास्पद टिप्पणी ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इस टिप्पणी के खिलाफ NDA सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया, जबकि सपा ने रशीदी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। इस विवाद ने राजनीति और धर्म के बीच संतुलन बनाने की चुनौती को उजागर किया है। जानें इस मामले में क्या हुआ और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ क्या हैं।
 

डिंपल यादव के खिलाफ अभद्र टिप्पणी

समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद डिंपल यादव के पहनावे को लेकर मौलाना साजिद रशीदी द्वारा की गई टिप्पणी ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। रशीदी ने एक टीवी चर्चा में कहा कि “इकरा हसन से डिंपल को मस्जिद में बैठने का तरीका सीखना चाहिए था” और रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को “गुलाम की तरह बैठने वाला” करार दिया।


इस विवाद के खिलाफ सोमवार को NDA सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथों में पर्चे लेकर नारे लगाए, जैसे “नारी शक्ति का अपमान स्वीकार नहीं” और “बेशर्मी की कैसी चाल”।


लखनऊ के हजरतगंज थाने में सपा नेता प्रवेश यादव ने मौलाना रशीदी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। उन पर आरोप है कि उनकी टिप्पणी “महिला विरोधी, अपमानजनक और उकसाने वाली” थी, जिसके तहत IPC की कई धाराओं और IT एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया।


सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम संसद में जो कपड़े पहनते हैं, वही पहनकर मस्जिद गए थे। भाजपा को इस पर क्या आपत्ति थी?” उन्होंने भाजपा पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया।


डिंपल यादव ने FIR का स्वागत करते हुए कहा, “यह ठीक है, लेकिन भाजपा को मणिपुर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर भी आवाज उठानी चाहिए थी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना पर की गई अभद्र टिप्पणियों के खिलाफ भी खड़ा होना चाहिए।”


इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति और धर्म के बीच संतुलन बनाना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जबकि NDA ने इस टिप्पणी को महिलाओं की गरिमा पर हमला बताया, SP ने भाजपा की चुप्पी और दोहरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाए हैं। अब मामला FIR तक पहुंचने के बाद कानूनी कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।