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डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच व्यापार वार्ता: बुसान की तस्वीरों ने बढ़ाई चर्चा

दक्षिण कोरिया के बुसान में डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच हुई व्यापार वार्ता ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। ट्रंप ने जिनपिंग को सख्त वार्ताकार बताया, जबकि दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण व्यापारिक सहमतियों पर चर्चा हुई। इस वार्ता के दौरान ट्रंप ने अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई। जानें इस वार्ता के पीछे की रणनीतियाँ और संभावित प्रभाव।
 

बुसान की वार्ता से व्यापारिक रिश्तों में नई उम्मीद

दक्षिण कोरिया के बुसान शहर से आई तस्वीरों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इन तस्वीरों के बाद, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका और चीन के बीच एक व्यापार समझौता हुआ है। हालांकि, इस डील से ज्यादा ध्यान आकर्षित करने वाली तस्वीर वह है जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ट्रंप एक साथ नजर आ रहे हैं। दरअसल, व्यापार वार्ता के दौरान, शी जिनपिंग अपनी गाड़ी की ओर बढ़ रहे थे और ट्रंप उनके पीछे चल रहे थे। यह दृश्य कुछ समय पहले पीएम मोदी के साथ ट्रंप की स्थिति को याद दिलाता है। ट्रंप भारत के साथ भी व्यापारिक संबंध मजबूत करना चाहते हैं, इसलिए वे मोदी के पीछे भी चलते हैं। कई लोगों का मानना है कि जिनपिंग ने ट्रंप को अपने पीछे चलने के लिए मजबूर किया। यह दर्शाता है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग दोनों ही ट्रंप को उनकी स्थिति का अहसास कराने के लिए चुप्पी से कूटनीति अपना रहे हैं।


ट्रंप की बयानबाजी और व्यापार वार्ता

आपको याद होगा कि ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार समझौता करने के लिए लगातार चीन के खिलाफ बयान दिए थे, जैसे कि वे भारत के खिलाफ कर रहे हैं। यह बयानबाजी इसलिए की गई थी ताकि जिनपिंग पर दबाव डाला जा सके। जब छह साल बाद ट्रंप और जिनपिंग दक्षिण कोरिया में मिले, तो ट्रंप ने बैठक से पहले जिनपिंग पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग एक सख्त वार्ताकार हैं, जो अच्छी बात नहीं है। इसके बाद ट्रंप ने जिनपिंग की पीठ पर मजाकिया तरीके से थपथपाया।


जिनपिंग की प्रतिक्रिया और व्यापारिक सहमति

जब ट्रांसलेटर ने जिनपिंग को बताया कि ट्रंप ने उन्हें सख्त वार्ताकार कहा है, तो जिनपिंग की प्रतिक्रिया बदल गई। यह उनके सामने खुद की आलोचना करने जैसा था। ट्रंप का यह मजाक पीएम मोदी के साथ भी देखने को मिलता है, लेकिन मोदी ने इसे नजरअंदाज किया। जिनपिंग ने भी चुपचाप सुना, क्योंकि असली खेल तो व्यापार वार्ता में होना था।


बैठक के बाद, ट्रंप ने बुसान वार्ता को 'महान सफलता' बताया और कहा कि चीन फेंटानिल प्रीकर्सर पर सख्ती करेगा, जिसके बदले अमेरिका ने टैरिफ घटाए हैं। उनका दावा है कि इससे अमेरिकी दरें औसतन 47% तक आ जाएंगी। चीन ने रेयर अर्थ पर एक साल की छूट देने की पुष्टि की है। ट्रंप ने कहा कि चीन अब अमेरिकी सोयाबीन की बड़ी खरीद करेगा। वहीं, चीन के आधिकारिक बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच आर्थिक और व्यापारिक मामलों पर महत्वपूर्ण सहमति बनी है।


अमेरिका-चीन व्यापार डील के प्रभाव

अमेरिका-चीन डील के बाद, ब्राजील पर 50%, भारत पर 50% और कनाडा पर 35% तक टैरिफ लागू हैं। ब्राजील पर फ्री स्पीच विवाद और राजनीतिक मतभेद के चलते सबसे ऊंचा टैक्स लगाया गया है। भारत पर रूस से तेल खरीद के कारण दोगुना शुल्क तय किया गया है, जबकि कनाडा पर 35% ड्यूटी फेंटानिल सहयोग में कमी का हवाला देकर लगाई गई है।