डोनाल्ड ट्रंप का BRICS पर हमला: डॉलर की शक्ति को चुनौती देने वालों को मिलेगी सजा
ट्रंप का आक्रामक बयान
अमेरिकी डॉलर की प्रमुखता को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से तीखा रुख अपनाया है। उन्होंने BRICS देशों को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि यह संगठन अमेरिका के खिलाफ स्थापित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य डॉलर को कमजोर करना है। इस संदर्भ में ट्रंप ने भारत का भी उल्लेख करते हुए अपनी नाराज़गी व्यक्त की।
BRICS के खिलाफ चेतावनी
ट्रंप ने BRICS के बारे में कहा कि यह समूह अमेरिका को नुकसान पहुँचाने और डॉलर की ताकत को कमजोर करने के इरादे से बना है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "डॉलर ही राजा है और हम इसे इसी तरह बनाए रखेंगे।" उन्होंने BRICS के किसी भी देश को चेतावनी दी कि जो भी इस मुद्रा की प्रभुत्व को चुनौती देगा, उसे आर्थिक दंड का सामना करना पड़ेगा।
भारत पर विशेष टिप्पणी
अपने बयान में ट्रंप ने भारत का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि यदि भारत BRICS में बना रहता है, तो उसे अमेरिका में अपने उत्पादों पर 10% टैरिफ चुकाना होगा। उनका मानना है कि इस तरह के समूह अमेरिका की आर्थिक शक्ति को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं, और यह अमेरिका को स्वीकार नहीं है.
भारी कीमत चुकाने की चेतावनी
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि BRICS के किसी देश में इतनी हिम्मत है कि वह डॉलर को चुनौती दे सके। लेकिन यदि किसी ने ऐसा करने की कोशिश की, तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ट्रंप के इस बयान को आगामी अमेरिकी चुनावों से पहले उनकी विदेश नीति और आर्थिक राष्ट्रवाद के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।