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डोनाल्ड ट्रंप का दावा: मैंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोक दिया। अलास्का में रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद ट्रंप ने यह बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि वे हस्तक्षेप नहीं करते, तो दोनों देशों के बीच गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता था। जबकि पाकिस्तान ने उनके दावे का समर्थन किया है, भारत ने इसे खारिज कर दिया है। जानें इस विवादास्पद मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

ट्रंप का दावा


रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद ट्रंप का बयान


अलास्का में हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने पर चर्चा हुई। हालांकि, इस वार्ता का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। इसी बीच, ट्रंप ने फिर से यह दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को टाल दिया। उनका कहना था कि यदि वे ऐसा नहीं करते, तो दोनों देश एक गंभीर संकट का सामना कर सकते थे।


ट्रंप का इंटरव्यू

ट्रंप ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने पांच युद्धों को समाप्त करने के लिए बातचीत की है, जिनमें भारत-पाकिस्तान के साथ-साथ कांगो, रवांडा, थाईलैंड, कंबोडिया, आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान पहले से ही हवाई हमले कर रहे थे, और शायद परमाणु हमला होता। मैं इसे रोकने में सफल रहा।'


पाकिस्तान का समर्थन, भारत का इनकार

पाकिस्तान ने ट्रंप के इस दावे को स्वीकार करते हुए कहा है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्ध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पाकिस्तानी नेता ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की मांग भी कर चुके हैं। इसके विपरीत, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि ट्रंप का युद्ध रोकने में कोई योगदान था। भारत का कहना है कि युद्ध विराम का निर्णय दोनों देशों का अपना था।


ट्रंप की प्रतिक्रिया

जब भारत ने स्पष्ट किया कि युद्ध विराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है, तो ट्रंप नाराज हो गए। इसी कारण, अप्रैल में अमेरिका ने नई टैरिफ नीति के तहत भारत को अलग रखा और जुलाई के अंत में भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। इसके साथ ही, ट्रंप ने पाकिस्तान को कम दर पर टैरिफ देने के बाद उन्हें करोड़ों डॉलर की सहायता भी प्रदान की।