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डोनाल्ड ट्रंप का नया टैरिफ प्लान: सेमीकंडक्टर कंपनियों को दी चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेमीकंडक्टर कंपनियों पर टैरिफ लगाने की योजना का ऐलान किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जो कंपनियां अमेरिका में उत्पादन नहीं करेंगी, उन पर टैरिफ लगाया जाएगा। यह कदम वैश्विक व्यापार में अस्थिरता ला सकता है। ट्रंप ने एप्पल जैसी कंपनियों का उदाहरण देते हुए कहा कि जो कंपनियां अमेरिका में निवेश करेंगी, उन्हें छूट मिलेगी। जानें इस नीति के संभावित प्रभाव और कानूनी चुनौतियों के बारे में।
 

ट्रंप का टैरिफ ऐलान

ट्रंप टैरिफ: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की है कि उनकी सरकार उन कंपनियों पर टैरिफ लगाने की योजना बना रही है, जो सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए अमेरिका में अपने आधार को स्थानांतरित नहीं कर रही हैं। यह जानकारी उन्होंने प्रमुख तकनीकी कंपनियों के सीईओ के साथ डिनर से पहले साझा की।


वैश्विक व्यापार पर प्रभाव

जनवरी में सत्ता में लौटने के बाद से ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापारिक संबंधों में हलचल पैदा कर दी है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता और अस्थिरता बढ़ी है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में उठाया गया यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था और तकनीकी उद्योग में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।


कंपनियों को दी गई चेतावनी

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "मैंने यहां उपस्थित लोगों से इस विषय पर चर्चा की है। चिप्स और सेमीकंडक्टर पर हम उन कंपनियों पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं, जो अमेरिका में नहीं आ रही हैं। हम जल्द ही टैरिफ लागू करेंगे।"


उन्होंने आगे कहा, "हम एक बड़ा टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। यह बहुत अधिक नहीं होगा, लेकिन पर्याप्त होगा। यदि वे यहां निर्माण कर रहे हैं या ऐसा करने की योजना बना रहे हैं, तो उन पर कोई टैरिफ नहीं होगा।"


एप्पल का उदाहरण

ट्रंप ने उदाहरण देते हुए कहा, "यदि वे यहां नहीं आ रहे हैं, तो उन पर टैरिफ लगेगा। जैसे कि टिम कुक की स्थिति काफी अच्छी होगी," जब कुक उनके सामने उपस्थित थे।


आईफोन निर्माता एप्पल ने हाल ही में अमेरिका में अगले चार वर्षों में 600 अरब डॉलर का निवेश बढ़ाने की योजना की घोषणा की है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में कई तकनीकी दिग्गज उनके साथ कदमताल करते नजर आ रहे हैं।


टैरिफ की शर्तें

पिछले महीने ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका सेमीकंडक्टर आयात पर लगभग 100% तक टैरिफ लगाएगा। हालांकि, यह नियम उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा जो अमेरिका में उत्पादन कर रही हैं या यहां निवेश करने का वादा कर चुकी हैं।


ताइवान की सेमीकंडक्टर कंपनी TSMC और दक्षिण कोरिया की सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स तथा SK Hynix पहले ही अमेरिका में निर्माण निवेश की घोषणाएं कर चुकी हैं।


कानूनी चुनौतियों का सामना

ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर कानूनी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। अमेरिकी प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि 1977 के आपातकालीन कानून के तहत लगाए गए व्यापक टैरिफ को बहाल किया जाए, जिन्हें निचली अदालत ने निरस्त कर दिया था। ये टैरिफ ट्रंप की आर्थिक और व्यापारिक नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं।