डोनाल्ड ट्रंप का मध्य पूर्व में शांति प्रयास: क्या होगा अगला कदम?
ट्रंप का शांति प्रयास
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से वैश्विक सुर्खियों में हैं। उन्होंने दावा किया है कि वे इज़रायल और हमास के बीच चल रहे लंबे और रक्तरंजित संघर्ष को समाप्त करने के करीब हैं। ट्रंप ने बुधवार शाम को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर यह जानकारी दी कि वे जल्द ही मध्य पूर्व की यात्रा करेंगे, जहां वे युद्धविराम की घोषणा के साथ दो साल से कैद बंधकों का स्वागत करने की योजना बना रहे हैं.
कूटनीतिक सफलता की ओर
यह कदम ट्रंप के लिए केवल एक कूटनीतिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि उनके लंबे समय से चले आ रहे लक्ष्य का हिस्सा है, जिसमें वे खुद को 'डील मेकर' और 'पीसमेकर' के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार विजेता उनके इस संभावित दौरे से कुछ घंटे पहले घोषित किया जाएगा, और ट्रंप पहले ही इसे पाने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं.
शांति समझौते की अनिश्चितताएँ
हालांकि, ट्रंप का प्रस्तावित 'शांति समझौता' अभी अस्थायी युद्धविराम जैसा प्रतीत होता है। मध्य पूर्व में शांति प्रयासों का इतिहास हमेशा से उतार-चढ़ाव भरा रहा है, और इस बार भी कई अनिश्चितताएँ बनी हुई हैं। यदि हमास अपने शेष 20 जीवित बंधकों को इस सप्ताह रिहा कर देता है, तो यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाएगी, लेकिन यह भी देखना होगा कि क्या इज़रायल गाज़ा से अपनी सेना हटाने के लिए तैयार होगा.
विश्लेषकों की राय
कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के वरिष्ठ विश्लेषक आरोन डेविड मिलर ने एक मीडिया चैनल से कहा, 'यदि यह युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौता सफल होता है, तो यह केवल ट्रंप की ओर से प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर दबाव डालने के कारण संभव हुआ है। इससे पहले किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने इज़रायली प्रधानमंत्री पर इतना सख्त रुख नहीं अपनाया।'
अभूतपूर्व हमले के बाद की स्थिति
ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में अब्राहम समझौते के लिए जाने जाते हैं, जिसके तहत इज़रायल और कई अरब देशों जैसे संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सूडान और मोरक्को के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए थे। इस दौरान, सऊदी अरब भी इन समझौतों में शामिल होने के कगार पर था, जिससे चिंतित होकर हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को बड़ा हमला किया था.
इज़रायल की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद इज़रायल की प्रतिक्रिया बेहद हिंसक रही। गाज़ा के 90% घर नष्ट हो गए, और 60,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की जान गई। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़रायल की छवि को भी गहरा नुकसान पहुंचा.
नेतन्याहू का दावा
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने हमास के शीर्ष नेतृत्व को समाप्त कर दिया है, लेकिन गाज़ा में हुई तबाही ने दुनिया को झकझोर दिया। ट्रंप प्रशासन इस बार नेतन्याहू पर नियंत्रण पाने में सफल होता दिखा। यहां तक कि जब नेतन्याहू ने कतर में हमास के वार्ताकारों पर हमला किया, तो ट्रंप ने उनसे माफी मांगने के लिए भी कहा और वह तस्वीरें सार्वजनिक की गईं.
भविष्य की अनिश्चितताएँ
हालांकि, कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं, जैसे कि क्या हमास अपने हथियार छोड़ देगा? क्या इज़रायल गाज़ा से पूरी तरह पीछे हटेगा? और क्या फिलिस्तीनी अथॉरिटी को कोई भूमिका मिलेगी? इतिहास बताता है कि इस क्षेत्र में 'स्थायी शांति' हासिल करना बेहद कठिन रहा है.
ट्रंप का संभावित नोबेल पुरस्कार
यदि यह समझौता कायम रहता है, तो ट्रंप उन चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों थिओडोर रूजवेल्ट, वुडरो विल्सन, बराक ओबामा और जिमी कार्टर की पंक्ति में शामिल हो सकते हैं जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। लेकिन फिलहाल यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि क्या यह युद्धविराम स्थायी साबित होगा या मध्य पूर्व की धरती फिर किसी नए संघर्ष का गवाह बनेगी.