डोनाल्ड ट्रंप का विवादास्पद दावा: पाकिस्तान कर रहा है गुप्त परमाणु परीक्षण
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में पाकिस्तान पर गुप्त परमाणु परीक्षण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भी जल्द ही अपने परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है कि क्या अमेरिका परमाणु परीक्षण की नई दौड़ में शामिल होगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
  Nov 3, 2025, 22:37 IST   
ट्रंप का बयान और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
  एक हालिया इंटरव्यू में, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहा है, और यह सब बिना किसी अंतरराष्ट्रीय निगरानी के हो रहा है। यह बयान ट्रंप ने CBS न्यूज़ के कार्यक्रम '60 मिनट्स' में दिया, जहां उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका जल्द ही अपने परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है। 
पाकिस्तान और अन्य देशों के परीक्षण
  ट्रंप ने बताया कि अमेरिका ने लगभग 30 वर्षों से कोई पूर्ण पैमाने का भूमिगत परमाणु परीक्षण नहीं किया है। उनके अनुसार, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, रूस और चीन जैसे देश गुप्त रूप से परीक्षण कर रहे हैं, और दुनिया को इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि ये देश "अंडरग्राउंड टेस्ट" कर रहे हैं, जो न तो सार्वजनिक होते हैं और न ही मीडिया में चर्चा का विषय बनते हैं। 
अमेरिका की परमाणु नीति पर ट्रंप का दृष्टिकोण
  ट्रंप ने तर्क दिया कि यदि अन्य देश परीक्षण कर रहे हैं, तो अमेरिका को भी पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा, "अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं हो सकता जो परमाणु परीक्षण नहीं करता," और जोर दिया कि अमेरिका को अपने परमाणु कार्यक्रम की विश्वसनीयता बनाए रखने की आवश्यकता है। ट्रंप का मानना है कि अमेरिका के पास "किसी भी अन्य देश से अधिक परमाणु हथियार" हैं और जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सकता है। 
भारत-पाकिस्तान तनाव पर ट्रंप की टिप्पणी
  इस बातचीत के दौरान, ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर भी चर्चा की। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इस साल की शुरुआत में दोनों देशों के बीच संभावित "परमाणु युद्ध" को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका कहना था कि उन्होंने व्यापार और टैक्स के माध्यम से दबाव बनाया, जिससे तनाव कम हुआ। हालांकि, भारत ने पहले ही इस दावे को खारिज कर दिया है, यह कहते हुए कि सीज़फायर केवल दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद लागू हुआ था। 
भारत की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय चिंताएँ
  भारत सरकार ने कई बार स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे द्विपक्षीय तरीके से सुलझाए जाएंगे और किसी तीसरे देश की दखलअंदाजी स्वीकार नहीं की जाएगी। ट्रंप के नए दावों ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अमेरिका वास्तव में परमाणु परीक्षण की नई दौड़ में शामिल होने जा रहा है और इसका वैश्विक रणनीतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।